हिमालयन गद्दी यूनियन पहली जुलाई को धर्मशाला में करेगी महारैली, उपजातियों के विलय को लेकर उठाई जा रही है मांग
मोदी के हिमाचल दौरे को लेकर स्थगित हुई गद्दी शब्द जोड़ने के लिए हिमालयन गद्दी यूनियन की महारैली को अब एक जुलाई को किया जाएगा। हिमालयन गद्दी यूनियन हिमाचल प्रदेश हज़ारों लोगों के साथ जिला मुख्यालय धर्मशाला में अपनी मुख्य मांग गद्दी शब्द जोडऩे को लेकर सड़कों में उतरेगी।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। धर्मशाला में 16 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिमाचल दौरे को लेकर स्थगित हुई गद्दी शब्द जोड़ने के लिए हिमालयन गद्दी यूनियन की महारैली को अब एक जुलाई को किया जाएगा। जिसमें हिमालयन गद्दी यूनियन हिमाचल प्रदेश हज़ारों लोगों के साथ जिला मुख्यालय धर्मशाला में अपनी मुख्य मांग गद्दी शब्द जोडऩे को लेकर सड़कों में उतरेगी। अब तक गद्दी समुदाय की 13 उप-जातियों में से सात के साथ गद्दी शब्द जोड़ा गया है, जबकि छह को पूरी तरह से वंचित रखा गया है। जिसके कारण वर्षों से राजस्व रिकार्ड की गलती को सुधारने की मांग उप-जातियों की ओर से उठाई जा रही है।
वहीं इस मामले में अब चुनावों के आने से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से ब्यानबाजी शुरू हो गई है। जिसे लेकर हिमाचल प्रदेश हिमालयन गद्दी यूनियन के अध्यक्ष मोहिंद्र सिंह ने दो टूक पार्टियों को चेता दिया है कि वर्षों से वोट के लिए इस्तेमाल होती रही बड़ी जनसंख्या अब बहकावे में नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि अब अपना हक लेने के बाद ही उप-जातियों के लाखों लोग हिमाचल विशेषकर कांगड़ा-चंबा में चुनावों में अपना रूख स्पष्ट करेगी। अध्यक्ष ने कहा कि तत्तकालीन सरकार राजस्व रिकार्ड की गलती को सुधारते हुए जल्द से जल्द इसमें सुधार की जो सिफारिश जिलाधीश की ओर से जांच के बाद की गई थी, उसके अनुसार नोटिफिकेशन जारी करें। उन्होंने कहा कि अब ब्यानबाजी से नेताओं का काम चलने वाला नहीं है, इसका खामियाजा भुगतने के लिए उन्हें तैयार रहना होगा।
गद्दी समुदाय की कुल 13 उपजातियों में से हिमाचल में छह उपजातियों के लाखों लोग राजस्व रिकार्ड की गलती के कारण गद्दी शब्द से वंचित है। हालांकि हिमाचल में कई स्थानों पर उक्त सभी 13 उपजातियों को गद्दी शब्द से जोड़ा गया है, लेकिन कांगड़ा-चंबा में छह उपजातियां अब तक वंचित है। इस विषय को लेकर लगातार राज्य सरकार से मांग उठाने पर भी कोई समाधान नहीं मिला है। अब यूनियन ने राजस्व रिकार्ड में गलती में सुधार किए जाने को सड़कों पर उतरने का मन बना लिया है। इतना ही नहीं शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के बाद हक नहीं मिलता है, तो आगामी समय में उग्र आंदोलन भी किया जा सकता है। इसी कड़ी में एक जूलाई को हिमालयन गद्दी यूनियन हिमाचल प्रदेश एक विशाल महारैली का आयोजन करेगी, जो कि कोतवाली बाजार के फव्वारा चौक से लेकर उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला तक शांतिपूर्वक तरीके से बैनर व पोस्टरों सहित की जाएगी। जिसमें सरकार द्वारा गद्दी समुदाय की गद्दी शब्द से वंचित छह उप जातियों सिप्पी, हाली, डोगरी, वाड़ी, रिहाड़े व डागी की अनदेखी करने पर भारी रोष है।
पदाधिकारियों का कहना है कि हिमालयन गद्दी यूनियन के लोग आठ बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिल चुके है। मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं इन वंचित उपजातियों के मामले की जांच तत्कालीन उपायुक्त कांगड़ा से करवाई गई है। जिसमें डीसी कांगड़ा की ओर से राज्य सरकार को भेजी गई रिपोर्ट के तहत यह पाया गया है कि इन उपजातियों के साथ गद्दी शब्द जोड़ा जाना उचित पाया गया है। हिमाचल प्रदेश में कई स्थानों में इन छह उपजातियों के साथ गद्दी शब्द पहले से ही जुड़ा हुआ है, लेकिन राजस्व रिकार्ड में त्रुटि पाई गई है। ऐसा नहीं है कि यह शब्द नया जोडऩा है, क्योंकि पूर्णता ही हिमाचल में इन उप जातियों के साथ गद्दी सब जुड़ा हुआ है। मात्र जिला कांगड़ा व चंबा के कुछ क्षेत्रों में यह त्रुटि पाई गई है। हिमालयन गद्दी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष मोहिंद्र सिंह का कहना है कि एक जुलाई को आक्रोश रैली निकाली जाएगी।