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शिक्षक सम्मान के लिए हुए चयन पर पूर्व विधायक ने उठाए सवाल, पढ़ें खबर

Teacher Award Selection पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर पूरे प्रदेश से केवल 17 शिक्षक सम्मानित होंगे। इसमें एक भी महिला शिक्षक का नाम दर्ज नहीं है। कार्यक्रम शिमला स्थित पीटर हाॅफ में होगा व हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर स्वयं इन शिक्षकों को अलंकृत करेंगे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Sat, 04 Sep 2021 11:48 AM (IST)Updated: Sat, 04 Sep 2021 11:48 AM (IST)
समाजसेवी इंसाफ संस्था के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक प्रवीन कुमार

पालमपुर, संवाद सहयोगी। Teacher Award Selection, पांच सितंबर को शिक्षक दिवस पर पूरे प्रदेश से केवल 17 शिक्षक सम्मानित होंगे। इसमें एक भी महिला शिक्षक का नाम दर्ज नहीं है। कार्यक्रम शिमला स्थित पीटर हाॅफ में होगा व हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर स्वयं इन शिक्षकों को अलंकृत करेंगे। ऐसे में प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा से एकमात्र राजकीय प्राथमिक पाठशाला टिहरी के जेबीटी अध्यापक राजेंद्र कुमार का सूची में नाम शामिल हाेना गर्व की बात है। राजेंद्र कुमार की इस योग्यता के लिए समाजसेवी इंसाफ संस्था के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने उन्हें बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। संस्था के अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि इस तरह के शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया एवं कारगुजारी का कौन सा पैमाना एवं मापदंड है।

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प्रवीन कुमार ने कहा वह शिक्षकों की ऐसे चयन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा नहीं कर रहे हैं अपितु हाल ही में एक शिक्षका के मामले की रोचक घटना का वह जरूर जिक्र करना चाहेंगे। पूर्व विधायक ने इस किस्से को महामहिम राज्यपाल के ध्यानार्थ लाते हुए कहा कि एक अध्यापिका ने उनके ध्यान लाया कि उनकी निर्धारित कार्य अवधि पूरी होने पर अर्थात स्टेपअप का मामला उपनिदेशक कार्यालय में लंबित पड़ा है।

इस बाबत जब उन्होंने जिला उपनिदेशक के कार्यालय में बात की, तो उस एवज में जवाब मिला कि इस अध्यापिका की सर्विस बुक में स्कूल के मुखिया ने एक्सीलेन्ट रिपोर्ट भेजी है, जो गलत है। अध्यापिका को कहा जाए कि वह एक्सीलेंन्ट की जगह बेरी गुड लिखवा कर भेजे। पूर्व विधायक ने माना कि संबंधित स्कूल के मुखिया ने अध्यापिका के बारे में ऐसा लिखा है, वह काबिले तारीफ है, क्योंकि उसमें ऐसी काब‍िलियत झलकती है। लेकिन हर जगह काबिलियत के पर किस तरह काटे जाते हैं, उदाहरण उनके सामने हैं।

इसके अतिरिक्त पूर्व विधायक ने केवल स्कूली शिक्षकों को ही सम्मानित करने के बजाय काॅलेज व विश्वविद्यालयों के भी योग्य शिक्षकों को सम्मानित करने की नई परंपरा शुरू करने का महामहिम राज्यपाल से अपील की है।


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