लोक गायक प्रताप शर्मा हुए पंचतत्व में विलीन, अंतिम संस्कार में नहीं पहुंची कोई बड़ी हस्ती
लोकगायक प्रताप चंद शर्मा बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके बड़े बेटे रोशन लाल ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी।
जेएनएन, देहरा। पहाड़ी कांगड़ी गीतों के रचियता और गायक प्रताप चंद शर्मा बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके बड़े बेटे रोशन लाल ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। पैतृक गांव नलेटी से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल कालेश्वर महादेव में ब्यास नदी के तट पर साढ़े ग्यारह बजे अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर न तो कोई बड़ा राजनेता व न ही कोई विभागीय अधिकारी व कोई साहित्यकार यहां पहुंचा। नाते-रिश्तेदारों व स्थानीय लोगों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार हुआ।
पहाड़ी लोकगायकी को दिशा देने वाले प्रताप चंद शर्मा का मंगलवार को देहांत हो गया था। नलेटी सहित जिला कांगड़ा के लोग इस प्रसिद्ध कलाकार के चले जाने से आहत हैं। बुधवार की सुबह ही अंतेष्टि की तैयारियां शुरू कर दी। करीब साढ़े दस बजे स्वर्गीय प्रताप चंद शर्मा की पार्थिक देह को लोकपरंपरा मुताबिक पैतृक गांव नलेटी से प्रसिद्ध कालेश्वर महादेव में ब्यास नदी के तट पर लाया गया। स्वर्गीय प्रताप चंद शर्मा की शव को बैंड बाजे के साथ शोक धुनो के साथ पुत्रों के कंधे पर लाया गया। देह को कालेश्वर मंदिर के चारों और परिक्रमा करवाई गई।
इसके बाद कालेश्वर महादेव स्थित ब्यास नदी के तट पर स्वर्गीय प्रताप चंद शर्मा के शव का भाई बंधुओं एवं
रिश्तेदारों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार कर दिया गया। प्रताप शर्मा के बड़े बेटे रोशन लाल ने अपने पिता लोक गायक प्रताप शर्मा की चिता को अग्नि दी। प्रताप चंद शर्मा को अंतिम विदाई व श्रद्धांजलि देने के लिए उनके नाते रिश्तेदारों सहित अन्य लोग भी पहुंचे। लेकिन किसी भी राजनैतिक दल के छोटे व बड़े नेता तथा साहित्यकारों व सरकारी विभागों के अधिकारियों ने दूरी बनाए रखी।