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सूखे से राहत, किसान आहत

जागरण संवाददाता धर्मशाला मौसम के करवट बदलने के साथ शनिवार को हुई बारिश सूखे से रा

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 07:00 AM (IST)
सूखे से राहत, किसान आहत
सूखे से राहत, किसान आहत

जागरण संवाददाता, धर्मशाला : मौसम के करवट बदलने के साथ शनिवार को हुई बारिश सूखे से राहत दे गई है लेकिन किसानों के लिए नुकसानदायक साबित हुई है। जिले के निचले क्षेत्रों में गेहूं की फसल पककर तैयार हो गई है और किसान कटाई और थ्रेशिंग में जुटे थे कि बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है। दूसरी ओर बारिश पेयजल स्रोतों को संजीवनी देने के साथ-साथ अग्निशमन व वन विभाग को राहत भी दे गई है। जिलेभर में रोजाना अग्निकांड हो रहे थे। इस बार सर्दियों में कम बर्फबारी और मैदानों में कम मेघ बरसने के कारण प्रदेश सरकार ने पहली अप्रैल से ही राज्य में फायर सीजन घोषित किया था।

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पलाखी में 56 कनाल भूमि पर गेहूं की फसल जली

संवाद सूत्र, इंदौरा : उपमंडल इंदौरा के तहत पलाखी गांव में शुक्रवार सायं 56 कनाल भूमि में गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। आग बिजली की तारों में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी।

ग्रामीणों के अनुसार, खेतों के बीचोंबीच लगे ट्रांसफार्मर में शॉर्ट सर्किट हुआ और चिंगारियां गिरने से नारायण सिंह, मगहर सिंह, छज्जू राम, स्वदेश, बलविदर सिंह, इंद्र सिंह व राम लाल के खेतों में गेहूं की फसल राख हो गई। ग्रामीणों ने इस बाबत सूचना अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों को दी। जब तक विभागीय कर्मी मौके पर पहुंचे तब तक फसल राख हो गई थी। उधर, विद्युत बोर्ड इंदौरा के सहायक अभियंता सुभाष चंद शर्मा ने बताया कि उन्होंने टीम को मौके पर भेजा है और आग लगने के कारणों का पता लगाया जाएगा।

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पहले आग ने सताया, अब बारिश ने रुलाया

अशवनी शर्मा, जसूर

उपमंडल नूरपुर, इंदौरा, जवाली व फतेहपुर के किसानों को पहले आग ने सताया और अब बारिश ने रुलाया है। इन क्षेत्रों में गेहूं की फसल पहले अग्निकांडों की भेंट चढ़ी और अब मौसम आफत बना है। कोविड 19 और बढ़ती महंगाई के दौर में किसानों को बेहतर पैदावार की उम्मीद थी लेकिन अब धराशायी हो गई है। अब किसानों को भीग चुकी गेहूं को सुखाने के लिए मशक्कत करनी पड़ेगी।

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94 हजार हेक्टेयर भूमि में होती है गेहूं की पैदावार

कांगड़ा जिले में करीब 94 हजार हेक्टेयर भूमि में गेहूं की खेती होती है। 34 हजार हेक्टेयर भूमि में सिचाई की सुविधा है जबकि 60 हजार हेक्टेयर क्षेत्र बारिश पर निर्भर है। जनवरी से अप्रैल तक बहुत कम बारिश होने से फसल समय से पहले ही पक गई है और इससे किसानों को नुकसान हुआ है।

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इस बार सूखे के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है। अब बेमौसमी बारिश ने मेहनत पर पानी फेर दिया है। सरकार किसानों को मुआवजा प्रदान करे।

-शेखर पठानिया।

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मौसम की बेरुखी से इस बार फसलें सूखे की भेंट चढ़ी हैं। इस बार लागत भी पूरी नहीं होगी। अब बारिश ने मेहनत पर पानी फेर दिया है।

- सुरेश पठानिया

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जिले में 94 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की फसल होती है। असिचित क्षेत्रों में कम बारिश के कारण इस बार 12.5 करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया है। 15 मई तक नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट सरकार को भेज दी जाएगी।

-डा. पीसी सैनी, उपनिदेशक कृषि विभाग


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