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फर्जी डिग्री मामला: घोटाले की बड़ी तस्वीर आ रही है सामने, 14 हार्डडिस्क की जांच पूरी होने पर खुले कई राज

Himachal Fake Degree Case हिमाचल के सबसे बड़े डिग्री घोटाले में 14 और हार्डडिस्क की फॉरेंसिक जांच पूरी हो गई है। सूत्रों के अनुसार इसमें गड़बड़झाले की और तस्वीर सामने आई है इसमें फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से पुनर्जीवित ज्यादातर डाटा का मूल रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 06:19 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 06:19 AM (IST)
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े डिग्री घोटाले में 14 और हार्डडिस्क की फॉरेंसिक जांच पूरी हो गई है।

शिमला, रमेश सिंगटा। Himachal Fake Degree Case, हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े डिग्री घोटाले में 14 और हार्डडिस्क की फॉरेंसिक जांच पूरी हो गई है। सूत्रों के अनुसार इसमें गड़बड़झाले की और तस्वीर सामने आई है, इसमें फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से पुनर्जीवित ज्यादातर डाटा का मूल रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहा है। सोलन के सुल्तानपुर स्थित मानव भारती विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड की छानबीन के लिए इंस्पेक्टर रैंक के दो अधिकारी तैनात किए गए हैं। अधिकांश रिकॉर्ड फर्जी पाया गया है। इससे साफ है कि जो भी डिग्री बांटी गई, वे फर्जी हैं। हालांकि फर्जी डिग्रियों की संख्या 36 से 40 हजार के बीच रह सकती है। अभी पूरी जांच नहीं हो पाई है।

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मोटे तौर पर फर्जीवाड़ा इसी संख्या के आसपास रहने के आसार हैं। जांच से कई बड़े राज खुल रहे हैं। कुल 55 हार्डडिस्क एसआइटी ने कब्जे में ली थी। इनमें से 30 से अधिक का फॉरेंसिक परीक्षण पूरा हो गया है। कुछेक का ही परीक्षण बचा हुआ है। शुरू में पुलिस की एसआइटी ने अनेकों कंप्यूटर, हार्डडिस्क कब्जे में ली थी। जबकि सबकी जरूरत भी नहीं थी।

कैसे पाया रसूख

आम आदमी की हैसियत रखने वाला विश्वविद्यालय का मालिक राजकुमार राणा किसकी शह पर खास हो गया, इस पहलू की भी बारीकी से जांच चल रही है। हरियाणा के करनाल में मामूली फार्मेसी कॉलेज चलाने वाले ने किसके संरक्षण में अकूत संपत्ति एकत्र की। हिमाचल और राजस्थान दो-दो विश्वविद्यालयों की न केवल स्थापना की बल्कि इनमें फर्जी डिग्रियों का भी सरेआम गैरकानूनी कारोबार चलाया। वह उत्तराखंड में भी तीसरा विश्वविद्यालय खोलना चाहता था।

अब तक दस गिरफ्तारी

सीआइडी की एसआईटी के अनुसार फर्जी डिग्री के बदले डिग्रीधारक कैश देते थे। पूरा अवैध कारोबार कैश में होता था। अब तक तीन सौ से अधिक व्यक्तियों से पूछताछ हो चुकी है। कुल दस आरोपित गिरफ्तार हुए हैं। गौरतलब है कि इस घोटाले के तार देश के 17 राज्यों में पाए गए हैं। इनमें पंजाब, हरियाणा, जम्मू- कश्मीर, उत्तर- प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, केरल आदि शामिल हैं।

दैनिक जागरण ने उठाया था सबसे पहले मामला

फर्जी डिग्री घोटाले का मामला दैनिक जागरण ने प्रमुखता से उठाया था। पिछले साल 9 मार्च के अंक में हिमाचल में बड़ा डिग्री घोटाला शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद 10 मार्च के अंक में कई राज्यों में फैला फर्जी डिग्री बेचने का जाल शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर घोटालेबाजों के कारनामों काे प्रमुखता से उजागर किया गया था।


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