सरकारी नौकरी व लेखक से लेकर राजनीतिज्ञ तक पंडित शिव कुमार, जानिए Kangra News
राजनीति के पुरोधा व प्रदेश सरकार में शिक्षामंत्री रहे पंडित शिव कुमार उपमन्यु का प्रदेश की राजनीति में बड़ा नाम था।
धर्मशाला, दिनेश कटोच। राजनीति के पुरोधा व प्रदेश सरकार में शिक्षामंत्री रहे पंडित शिव कुमार उपमन्यु का प्रदेश की राजनीति में बड़ा नाम था। परिवार से मिली राजनीति की विरासत को पंडित शिव कुमार ने भी बखूबी संभाला था। सरकारी नौकरी, लेखक व राजनीतिज्ञ के तौर पर उनका सफर हर किसी के लिए मिसाल है। 23 मई 1927 को जन्में पंडित शिव कुमार ने लाहौर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी। इसके बाद वह लोक जनसंपर्क विभाग में एपीआरओ लगे और डीपीआरओ के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
वर्ष 1977 में वह पहली बार भटियात से जनता पार्टी से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे। इसके बाद लगातार वह दूसरी बार 1982 में विधायक चुने गए। वर्ष 1990 में वह तीसरी बार विधायक बने थे। पंडित शिव कुमार तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय में मुख्यमंत्री रामलाल ठाकुर व वीरभद्र सिंह सरकार के समय में मंत्री रहे। उन्होंने शिक्षा, उद्योग, श्रम एवं रोजगार व लोनिवि जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी भी बखूबी संभाली थी। भाजपा ही नहीं कांग्रेस पार्टी में भी उनका रुतबा इतना था कि मुख्यमंत्री रामलाल ठाकुर के शासनकाल के समय में शांता सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की समीक्षा के लिए गठित कमेटी का उन्हें अध्यक्ष बनाया गया था। उन्हें शिक्षा मंत्री के रूप में खासतौर से याद किया जाता है।
चंबा जिला से ताल्लुक रखने वाले शिव कुमार भटियात विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। उनके पिता पंडित जयवंत राम भी प्रदेश के अग्रणी राजनेता थे और प्रदेश विधानसभा का पहला अध्यक्ष बनने का गौरव उनके नाम है। कई बार मुख्यमंत्री पद के लिए भी उनके नाम की चर्चा रही। भले ही पंडित शिव कुमार ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत जनता पार्टी से की थी, लेकिन उसके बाद वह कांग्रेस में चले गए।
दोनों पार्टी के नेताओं के साथ उनके संबंध अच्छे थे, इसका एक बड़ा कारण यह था कि वह राजनीति से ऊपर व्यक्तित्व को ज्यादा तवज्जो देते थे और यही कारण भी रहा कि वह शांता व सुखराम के काफी नजदीकी रहे। शांता कुमार अक्सर अपनी पुस्तकों के विमोचन के दौरान पंडित शिव कुमार को आमंत्रित करते थे। नब्बे के दशक के बाद वह सक्रिय राजनीति में तो नहीं रहे, लेकिन राजनीतिज्ञ हमेशा उनसे राय लेते थे। 92 वर्षीय पंडित शिव कुमार दो वर्ष पूर्व भी बीमार हुए थे, लेकिन उससे वह उभरे थे। लेकिन अब वे हमारे बीच नहीं हैं। उनका राजनीति के क्षेत्र में तो अहम स्थान था ही साथ ही टिकट आबंटन में भी उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहती थी। भाजपा ही नहीं कांग्रेस के कई दिग्गजों को टिकट भी उन्होंने दिलवाया था।
लगातार न जीत पाने का भी तोड़ा मिथक, तीन मुख्यमंत्रियों के पास काम
कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के भटियात विधानसभा क्षेत्र में पहले यह मिथक भी था कि इस विस क्षेत्र से कोई भी विधायक लगातार दो बार जीत हासिल नहीं कर सका है। लेकिन पंडित शिव कुमार ने सबसे पहले इस मिथक को तोड़ा था। वह पहले 1977 में विधायक बने और उसके लगातार दूसरी बार भी यहां से विधायक चुने गए। उन्होंने प्रदेश के तीन मुख्यमंत्रियों शांता कुमार, रामलाल ठाकुर व वीरभद्र के साथ काम किया था।