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इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बावजूद चुनी खाखी, हिमाचल में ये 15 अफसर कर रहे सुशासन की नींव मजबूत

Engineer in Police Force यह खाखी का ही आकर्षण था कि इंजीनियरिंग की डिग्री के बावजूद युवाओं ने देशसेवा का रास्ता चुना और भारतीय पुलिस सेवा(आइपीएच) में आ गए।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 02:23 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 02:23 PM (IST)
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बावजूद चुनी खाखी, हिमाचल में ये 15 अफसर कर रहे सुशासन की नींव मजबूत
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बावजूद चुनी खाखी, हिमाचल में ये 15 अफसर कर रहे सुशासन की नींव मजबूत

शिमला, रमेश सिंगटा। यह खाखी का ही आकर्षण था कि इंजीनियरिंग की डिग्री के बावजूद युवाओं ने देशसेवा का रास्ता चुना  और भारतीय पुलिस सेवा(आइपीएच) में आ गए। हिमाचल प्रदेश में 15 आइपीएस अफसर ऐसे हैं, जिन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। ये चाहते तो अपने हुनर के बूते बहुराष्ट्रीय कंपनियों में करोड़ों रुपये कमाते, लेकिन इनका इरादा देशसेवा का था। भारतीय पुलिस सेवा में आकर अब ये सामाजिक बदलाव ला रहे हैं। ये सुशासन की नींव मजबूत हैं। अब यह हिमाचल कॉडर में सेवाएं दे रहे हैं। राज्य में इनकी काडर संख्या  94 है। इनमें से करीब 14 फीसद ने इंजीनियरिंग की है। कुल पदों में 52 पद सीनियर ड्यूटी पोस्ट के हैं। इन पदों का 40 फीसद यानी 20 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रह सकते हैं।

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आइपीएस अफसर जो इंजीनियर हैं

अनुराग गर्ग, एडीजीपी विजिलेंस, अशोक तिवारी, एडीजीपी कानून व्यवस्था, एस जहूर जैदी, निलंबित आइजी, एसपी सिंह एडीजीपी रैंक, अजय कुमार यादव आइजी रैंक, एपी सिंह आइजी रैंक, सोलन मोहन अग्निहोत्री डीआइजी रैंक, संतोष पटियाल, डीआइजी साइबर क्राइम, अभिषेक दुल्लर डीआइजी रैंक, एस अरुण कुमार एसपी चंबा, अनुपम शर्मा एसपी रैंक, अंजुम आरा एसपी रैंक, रोहित मालपानी एसपी रैंक, गौरव सिंह एसपी कुल्लू व अर्जित सेन ठाकुर एसपी शामिल हैं।

शीर्ष पदों पर दो अफसर

इंजीनियरिंग की पृष्ठभूमि वाले दो अफसर प्रदेश में डीजीपी के बाद नंबर दो की पोस्ट पर तैनात हैं। अनुराग गर्ग एडीजीपी विजिलेंस हैं। इनके कंधों पर भ्रष्टाचार मिटाने की बड़ी जिम्मेवारी है। जबकि अशोक तिवारी एडीजीपी कानून व्यवस्था हैं। प्रदेश की कानून व्यवस्था बनाए रखने की अहम जिम्मेवारी इनके पास हैं। जैदी अभी निलंबित चल रहे हैं। कोटखाई दुष्कर्म एवं हत्या मामले से जुड़े आरोपित सूरज की हत्या मामले में इनका नाम जुड़ा और ये पदोन्नत नहीं हो पाए।


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