15 साल बाद हुई डिफाल्टर से रिकवरी, नीलामी के दिन वूसले 11.75 लाख रुपये, पढ़ें पूरा मामला
सहकारिता विभाग के समाहर्ता एवं उप पंजीयक ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित की कोटला शाखा के डिफाल्टर से 15 साल बाद रिकवरी कर केस को खत्म किया है।
धर्मशाला, जेएनएन। सहकारिता विभाग के समाहर्ता एवं उप पंजीयक ने कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित की कोटला शाखा के डिफाल्टर से 15 साल बाद रिकवरी कर केस को खत्म किया है। 26 नवंबर को नीलामी के दिन डिफाल्टर से 11 लाख, 75 हजार रुपये की वसूली की गई। 15 वर्ष पहले डिफाल्टर ने केसीसी बैंक की कोटला शाखा से 5 लाख रुपये का ऋण लिया था, लेकिन इसकी समय पर अदायगी नहीं की गई। जिस पर ऋणधारक को डिफाल्टर घोषित किया गया और बकायदा मामला सहकारिता विभाग के समाहर्ता एवं उप पंजीयक धर्मशाला के पास पहुंचा, जहां विभागीय कार्रवाई अमल में लाई गई।
रिकवरी को लेकर तमाम औपचारिकताओं को पूर्ण करने के बाद डिफाल्टर को नोटिस जारी किए गए। नोटिस के बाद भी डिफाल्टर ने ऋण का भुगतान नहीं किया, तो अंतत: समाहर्ता एवं उप पंजीयक कार्यालय से डिफाल्टर की संपत्ति की नीलामी कर रिकवरी करने का फैसला लिया। इसके लिए 26 नवंबर का दिन तय किया। जिस पर बकायदा 26 नवंबर को उप पंजीयक कार्यालय की टीम मौके पर पहुंची, जहां डिफाल्टर ने एक साथ 11 लाख, 75 हजार रुपये की धनराशि का भुगतान कर केस को खत्म करवा दिया।
सहकारिता विभाग के समाहर्ता एवं उप पंजीयक ओम प्रकाश चौधरी के मुताबिक उपरोक्त मामले में नीलामी के दिन डिफाल्टर से ब्याज सहित पूरी धनराशि वसूल कर ली गई है और रिकवरी का केस भी खत्म हो गया है। उनके अनुसार रिकवरी के अन्य मामलों में भी कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और जो भी डिफाल्टर नोटिस के बाद भी स्वयं भुगतान नहीं करेगा, उसकी संपत्ति की नीलामी कर रिकवरी की जाएगी।