पांच घंटे से मांझी खड्ड के बहाव में फंसे बुजुर्ग को उपप्रधान समेत तीन लोगों ने जान पर खेलकर बचाया
उपमंडल कांगड़ा के तहत पंचायत समीपुर खास में मंगलवार को एक बुजुर्ग मांझी खड्ड के तेज बहाव में फंस गया।
कांगड़ा/गगल, जेएनएन। उपमंडल कांगड़ा के तहत पंचायत समीपुर खास में मंगलवार को एक बुजुर्ग मांझी खड्ड के तेज बहाव में फंस गया। करीब पांच घंटे तक बुजुर्ग जिंदगी और मौत के बीच जूझता रहा। पांच घंटे बाद पंचायत उपप्रधान समेत तीन लोगों ने हिम्मत दिखाई और बुजुर्ग को रेस्क्यू किया। इस दौरान तीन भैंसें भी बह गईं। समीरपुर खास के रहने वाले 75 वर्षीय किशन चंद मंगलवार को मांझी खड्ड किनारे तीन भैंसों को चराने के लिए गए थे। धर्मशाला व ऊपरी क्षेत्रों में हुई मूसलधार बारिश के कारण खड्ड का जलस्तर एकदम बढ़ गया।
इस कारण बुजुर्ग करीब पांच घंटे पानी में फंसा रहा। इस बाबत सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने पंचायत, पुलिस व प्रशासन को सूचित किया। समीपुर खास पंचायत के उपप्रधान प्रदीप कुमार ने बताया किशन कुमार गांव में लालदीन के घर में रहते हैं और उनके ही पशुओं को चराते हैं। मंगलवार को तीन भैंसों को चराने के लिए मांझी खड्ड किनारे गए थे कि तेज बहाव में फंस गए।
उन्होंने बताया वह सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे। साथ ही एसडीएम जतिन लाल व पुलिस उपाधीक्षक सुनील राणा भी पहुंचे। प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन विभाग व आपदा प्रबंधन की टीम को बुलाया और बुजुर्ग को बचाने का अभियान शुरू किया। घटनास्थल पर पहुंची बचाव टीम पानी के आगे जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई।
इस दौरान समीरपुर खास पंचायत के उपप्रधान प्रदीप कुमार, स्थानीय बाशिंदों धर्म सिंह व जीवन कुमार पुलिस व होमगार्ड कर्मियों की सहायता से पानी के तेज बहाव में उतरे और करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बुजुर्ग को सुरक्षित निकालने में कामयाब रहे। प्रदीप कुमार, धर्म सिंह व जीवन कुमार की स्थानीय लोगों व प्रशासन ने खूब पीठ थपथपाई। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार से मांग की है कि इन लोगों को सम्मानित किया जाए।
काम आया तेज बहाव में उतरने का अनुभव
पंचायत उपप्रधान प्रदीप कुमार ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि बुजुर्ग करीब पांच घंटे से पानी में फंसा रहा। पानी कम होने की बजाय बढ़ रहा था। बकौल प्रदीप, बुजुर्ग को बचाने के लिए पुलिस व होमगार्ड के जवान कोशिश कर चुके थे पर उन्हें सफलता नहीं मिल पा रही थी। प्रदीप बताते हैं कि आखिर में वह रस्सी को बांधकर दो साथियों के साथ पानी में उतर गए। मन में डर भी था कि रस्सी टूट गई तो बचना मुश्किल है। बुजुर्ग की जान बचाने में उन्हें अनुभव काम आया। वह पहले भी पानी के तेज बहाव में खड्ड में उतरकर कई लोगों को बचा चुके हैं।
अब तक खड्ड में फंसने के मामले
- 2018 : खनियारा में मांझी खड्ड में स्थानीय व्यक्ति फंस गया था। इस बाबत जानकारी मिलते ही तत्कालीन एसडीएम धर्मशाला श्रवण मांटा भी मौके पर पहुंचे थे। फायर ब्रिगेड कर्मचारियों ने व्यक्ति को निकालने के लिए सीढ़ी डाली थी। इस दौरान एसडीएम व्यक्ति को बाहर निकाल रहे थे कि अचानक सीढ़ी टूट गई थी और एसडीएम बाल-बाल बच गए थे। बाद में रस्सी के सहारे व्यक्ति को निकाला था।
- जुलाई 2018 : भागसूनाग वाटर फाल के पास बहाव बढ़ने से करीब चार पर्यटक पानी में फंस गए थे। करीब एक घंटे बाद दुप्पटे की रस्सी बनाकर उन्हें बाहर निकाला था।
- 2017 : दाड़ी का एक व्यक्ति खनियारा में मांझी खड्ड में बह गया था और तीसरे दिन उसका शव गगल क्षेत्र में मिला था।