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नियमों के विपरीत नहीं खोल सकते शिक्षण संस्थान, मुखिया को बनाना होगा प्लान

प्रदेश सरकार ने शिक्षण संस्थानों एवं स्कूल और कोङ्क्षचग सेंटर सशर्त खोलने की स्वीकृति दी गई है जिसके तहत 26 जुलाई से सभी कोङ्क्षचग सेंटर शुरू हो जाएंगे। वहीं इसी दिन से स्कूलों का स्टाफ भी आ जाएगा। छात्रों को दो अगस्त से बुलाया गया है।

By Virender KumarEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 09:30 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 09:30 PM (IST)
नियमों के विपरीत नहीं खोल सकते शिक्षण संस्थान, मुखिया को बनाना होगा प्लान
26 से जिले के विभिन्‍न शिक्षण संस्‍थान सशर्त खोल दिए जाएंगे। जागरण आर्काइव

धर्मशाला, मुनीष गारिया। प्रदेश सरकार ने शिक्षण संस्थानों एवं स्कूल और कोङ्क्षचग सेंटर सशर्त खोलने की स्वीकृति दी गई है, जिसके तहत 26 जुलाई से सभी कोङ्क्षचग सेंटर शुरू हो जाएंगे। वहीं इसी दिन से स्कूलों का स्टाफ भी आ जाएगा। छात्रों को दो अगस्त से बुलाया गया है।

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दो अगस्त से पांचवीं, आठवीं, दसवीं, जमा एक व जमा दो कक्षा के शैक्षणिक सत्र 2021-22 की कक्षाएं लगभग शुरू हो जाएंगी। स्कूल व कोङ्क्षचग सेंटर खोलने की अनुमति देने के साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना नियमों के विपरीत कोई भी संस्थान नहीं खोला जा सकता। इसके लिए संस्थान मुखिया व स्टाफ को प्लान तैयार करना होगा और उसी के हिसाब से कक्षाओं का संचालन करना होगा। कोरोना महामारी के चलते अब लंबे समय के बाद स्कूल खुलने जा रहे हैं तो अध्यापकों में भी उत्साह है कि वह अब आनलाइन के बजाय आफलाइन छात्रों से रूबरू होंगे। शिक्षा उपनिदेशकों ने स्कूल प्रमुखों के माध्यम से निर्देश जारी किए हैं कि 26 जुलाई से लेकर दो अगस्त तक अध्यापक अपनी-अपनी क्लास के छात्रों की संख्या के हिसाब से प्लान तैयार करेंगे कि क्लास किस तरह से लगाई जाए कि शारीरिक दूरी के नियमों की और कोरोना के अन्य नियमों के भी पालना होती रहे।

जमा एक कक्षा के लिए बनाया जाएगा अलग टाइम टेबल

जिला कांगड़ा के कई स्कूलों में छात्रों की संख्या तो सामान्य है, लेकिन कई स्कूलों में संख्या अधिक है। ऐसे में शिक्षा विभाग ने स्कूलों को कहा है कि अपने जमा एक कक्षा के बच्चों की संख्या और सिङ्क्षटग प्लान को देखें। अगर बात नहीं बनती है तो जमा एक और जमा दो कक्षा के बच्चों के लिए अलग-अलग टाइम टेबल बनाकर बुलाया जाएगा।

स्कूलों की सफाई होगी चुनौती

हालांकि मार्च माह स्कूल खुले थे, लेकिन कुछ ही दिनों के कोरोना के कारण फिर बंद करने पड़े थे। ऐसे में लगभग दो सालों से स्कूल बंद ही पड़े हुए हैं। 26 जुलाई से दो अगस्त तक व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने को कहा तो है, लेकिन फंड के आभाव में स्कूल प्रबंधन को साफ सफाई करवाना टेड़ी खीर से कम नहीं है। सबसे बड़ी चुनौती तो प्राइमरी स्कूल के लिए होगी।

मार्च माह भी स्कूलों की ओर से माइक्रो प्लाङ्क्षनग तय की गई थी उसी के हिसाब से स्कूल खुलेंगे। बच्चों की सुरक्षा प्राथमिकता रहेगी। इसके लिए उपनिदेशक कार्यालय की टीमें भी स्कूलों का निरीक्षण करेंगी। अगर जरूरत पड़ी तो जमा एक कक्षा के टाइम टेबल में बदलाव किया जाएगा।

-रेखा कपूर, उपनिदेशक उच्च शिक्षा विभाग, कांगड़ा


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