Move to Jagran APP

265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले की विभाग को थी पहले से जानकारी, फ‍िर भी बंटता रहा संस्‍थानों में पैसा

हिमाचल में करीब 265 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले की जानकारी पहले होने के बाद भी अधिकारियों ने इसे नहीं रोका।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 09:22 AM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 09:22 AM (IST)
265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले की विभाग को थी पहले से जानकारी, फ‍िर भी बंटता रहा संस्‍थानों में पैसा
265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले की विभाग को थी पहले से जानकारी, फ‍िर भी बंटता रहा संस्‍थानों में पैसा

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। हिमाचल में करीब 265 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले की जानकारी पहले होने के बाद भी अधिकारियों ने इसे नहीं रोका। शिक्षा विभाग के निदेशक और बड़े अधिकारियों को यह जानकारी थी कि छात्रवृत्ति में फर्जीवाड़ा हो रहा है। इसके बावजूद छात्रवृत्ति के आवंटन पर रोक नहीं लगाई गई। तत्कालीन शिक्षा निदेशक दिनकर बुराथोकी ने 29 अगस्त 2016 को पत्र लिखकर सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों, निदेशकों व रजिस्ट्रारों को छात्रवृत्ति का दुरुपयोग होने व फर्जीवाड़े होने की जानकारी देते हुए इसके लिए आगाह किया था।

loksabha election banner

उन्होंने फर्जीवाड़ा करने वालों संस्थानों को ब्लैकलिस्ट करने की चेतावनी भी दी थी। इसके बावजूद इस घोटाले को लेकर कोई संस्थान ब्लैकलिस्ट नहीं किया गया। अब सीबीआइ द्वारा घोटाले की परतें खोलने पर कार्रवाई हो रही है। तत्कालीन निदेशक ने घोटाले की चेतावनी वाला पत्र निदेशक चिकित्सा शिक्षा, निदेशक तकनीकी शिक्षा व औद्योगिक प्रशिक्षण, निदेशक दंत चिकित्सा, सचिव निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग, रजिस्ट्रार प्रदेश विश्वविद्यालय, कृषि व औद्यानिकी विश्वविद्यालय, तकनीकी शिक्षा, सभी निजी विश्वविद्यालय व संस्थानों और सभी उच्च शिक्षा उपनिदेशकों को लिखा था।

पत्र में यह दी थी जानकारी

  • कुछ संस्थान डुप्लीकेट छात्रवृत्तियों को सत्यापित कर छात्रवृत्ति फर्जीवाड़ा कर रहे हैं।
  • संस्थान के लाभ के लिए विद्यार्थियों पर दवाब बनाकर बैंक खातों का दुरुपयोग हो रहा है।
  • कुछ संस्थान मेंटेनेंस अलाउंस नहीं दे रहे हैं।
  • कुछ संस्थान अनुसूचित जाति व जनजाति के विद्यार्थियों को मुफ्त शिक्षा के नाम पर प्रवेश करवाकर बाद में पूरी फीस मांग रहे हैं।
  • सभी संस्थान अपने स्तर पर डुप्लीकेट छात्रवृत्ति और फर्जी छात्रवृत्ति की जांच करें अन्यथा ब्याज सहित फर्जी राशि जमा करवानी पड़ेगी।
  • कुछ विद्यार्थी उसी संस्थान से छात्रवृत्ति लेने के बाद छात्रवृत्ति के लिए दोबारा प्रवेश ले रहे हैं।

क्‍या बोले पूर्व निदेशक

हर साल के छात्रवृत्ति बजट में जब बहुत अधिक बढ़ोतरी होने लगी और शिकायत भी आई कि किसी की छात्रवृत्ति दूसरे को मिल गई तब इस संबंध में निर्देश जारी किए गए थे। इस संबंध में पत्र जारी किया गया था। ऑल इंडिया पोर्टल के तहत आवेदन होता था और संस्थान सत्यापित कर देते थे। हमारे पास कोई ऐसा तंत्र नहीं था कि संस्थान के सत्यापन की जांच की जा सके। -दिनकर बुराथोकी, पूर्व शिक्षा निदेशक।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.