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दो साल के भीतर बांटी गई 82 लाख की छात्रवृत्ति का रिकार्ड तलब, आडिट में लगा है आब्जेक्शन

Himachal Education Department राजधानी शिमला सहित जिला के 82 स्कूलों में बच्चों को बांटी गई छात्रवृत्ति का विभाग ने रिकार्ड तलब किया है। जारी पत्र में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2017-18 में विभाग की ओर से 82.81 लाख रुपये का बजट छात्रवृत्ति के लिए जारी किया था।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 07:11 AM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 07:37 AM (IST)
दो साल के भीतर बांटी गई 82 लाख की छात्रवृत्ति का रिकार्ड तलब, आडिट में लगा है आब्जेक्शन
82 स्कूलों में बच्चों को बांटी गई छात्रवृत्ति का विभाग ने रिकार्ड तलब किया है

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Education Department, राजधानी शिमला सहित जिला के 82 स्कूलों में बच्चों को बांटी गई छात्रवृत्ति का विभाग ने रिकार्ड तलब किया है। शिक्षा विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2017-18 में विभाग की ओर से 82.81 लाख रुपये का बजट छात्रवृत्ति के लिए जारी किया था। इस बजट को कितने छात्रों को आबंटित किया गया है। छात्रवृत्ति की राशि छात्रों को बैंक अकाउंट में दी गई या अन्य माध्यम से इसकी पूरी जानकारी दें। बजट के खर्च का पूरा ब्यौरा (यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट) मांगा गया है। शिक्षा उपनिदेशक शिमला भाग चंद चौहान की ओर से इस संबंध में 82 स्कूलों के प्रधानाचार्य व मुख्य अध्यापकों को पत्र जारी किया गया है।

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पत्र के साथ एक फार्मेट भी जारी किया गया है। इसमें इसका पूरा रिकार्ड भेजने को कहा गया है। शिक्षा विभाग की ओर से पहले भी इस तरह का पत्र इन स्कूलों को जारी किया गया था, इसमें कुछ स्कूलों ने जानकारी भी दी है। लेकिन कई स्कूलों से अभी तक रिकार्ड नहीं आया है। बीते शनिवार को जारी सर्कुलर में स्कूल प्रधानाचार्य व मुख्य अध्यापकों को सपष्ट निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि एक सप्ताह के भीतर यह पूरा रिकार्ड उप शिक्षा निदेशालय भेजे। स्पैशल मैसेजेंर से रिकार्ड भेजे, ताकि इसमें किसी भी तरह की देरी न हो। शिक्षा उपनिदेशक भाग चंद चौहान ने कहा कि स्कूलों को जल्द ही यह सारा रिकार्ड भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

आडिट में लगा था आब्जेक्‍शन

महालेखाकार कार्यालय ने आडिट में कुछ ऑब्जेक्शन लगाए थे। इसके लिए विभाग से कुछ जानकारी मांगी गई है। विभाग इसका पूरा रिकार्ड तैयार कर रहा है, ताकि इसे वेरिफाई किया जा सके। शिक्षा विभाग में पूर्व में छात्रवृति घाेटाला सामने आ चुका है। जिसके बाद केंद्र सरकार ने छात्रवृति जारी करने में कई तरह के बदलाव किए हैं। केंद्र की ओर से जारी निर्देशों के बाद अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वह इसमें किसी भी तरह की अनियमितता न बरतें।


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