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नशा माफिया का अड्डा बन गया हिमाचल का सीमावर्ती इलाका, पुलिस बेबस

drugs Mafia active in himachal boundary areas हिमाचल का सीमावर्ती इलाका नशा माफिया का अड्डा बन गया है और पुलिस बेबस है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 28 Mar 2019 03:10 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 03:36 PM (IST)
नशा माफिया का अड्डा बन गया हिमाचल का सीमावर्ती इलाका, पुलिस बेबस
नशा माफिया का अड्डा बन गया हिमाचल का सीमावर्ती इलाका, पुलिस बेबस

नूरपुर, प्रदीप शर्मा। पंजाब की सीमा से सटे नूरपुर उपमंडल में नशे की कालाबाजारी व अवैध खनन के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। नूरपुर नशे के कारोबार का अड्डा बन गया है और इंदौरा उपमंडल सहित चंबा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र भी इससे अछूते नहीं हैं। हिमाचलियों के साथ-साथ पंजाब के लोग नूरपुर व इंदौरा उपमंडलों में चोरी छिपे नशे की तस्करी कर खूब चांदी कूट रहे हैं। मात्र एक ही साल में नूरपुर व इंदौरा थानों में 120 एनडीपीएस एक्ट के तहत मामले दर्ज हुए हैं। इससे पता चलता है कि पुलिस की कार्रवाई के बावजूद नशा माफिया पांव पसारे हुए है।

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नूरपुर की सीमा एक ओर पंजाब तो दूसरी तरफ चंबा जिले से सटी है। नशा कारोबारियों पर नुकेल कसने के लिए नूरपुर को बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) की तर्ज पर पुलिस जिला का दर्जा देने की जरूरत है। विधायक राकेश पठानिया पिछले कुछ समय से नूरपुर को पुलिस जिला का दर्जा देने की मांग उठा रहे हैं। डीजीपी एसआर मरडी भी नशा माफिया को कुचलने के लिए नूरपुर को पुलिस जिला का दर्जा देने की वकालत कर चुके हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी एक सार्वजनिक समारोह में नूरपुर को पुलिस जिला की दर्जा देने की मांग पर आश्वासन दे चुके हैं लेकिन जमीन स्तर पर कुछ भी नहीं हुआ है। जब तक नूरपुर को पुलिस जिला का दर्जा नहीं मिलता तब तक नशा माफिया को मिटाना मुश्किल है।

नूरपुर व इंदौरा उपमंडलों में कई शिक्षण संस्थान हंै और इनमें पढऩे वाले छात्र ही नशा तस्करों के निशाने पर है। दिन-ब-दिन युवा नशे की गिरफ्त में फंसकर जिंदा लाश बनते जा रहे हैं। हालांकि सरकार ने दोनों उपमंडलों में नारकोटिक्स सेल भी तैनात किया है पर नशों की कालाबाजारी थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले कुछ समय से इलाके में पंजाब व हिमाचल पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन नशा माफिया के खिलाफ चला है और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

नूरपुर को जल्द पुलिस जिला का दर्जा मिलना चाहिए। इस संबंध में मामला  सरकार के समक्ष प्रभावशाली ढंग से उठाया है। सदवां में पुलिस चौकी खुलवाई है। डीजीपी भी नूरपुर को पुलिस जिला का दर्जा दिलाने की बात कर चुके हैं। उम्मीद है सरकार जल्द इस संबंध में कदम उठाएगी। -राकेश पठानिया, विधायक नूरपुर।

सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण इलाके में दिन-ब-दिन नशों के कारोबार में हो रही वृद्धि चिंताजनक है। सरकार को इसे  रोकने के लिए कठोर कदम उठाने    चाहिए। पुलिस फोर्स भी बढ़ानी चाहिए। इसके लिए नूरपुर में एसपी कार्यालय खोलना चाहिए। -अजय महाजन, पूर्व विधायक


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