नशा छीन रहा नूरपुर का नूर
नूरपुर उपमंडल में नशों की कालाबाजारी व अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस की कार्रवाई के बावजूद नशों की कालाबाजारी व अवैध खनन के मामलों की कमी नहीं दिख रही है।
प्रदीप शर्मा, नूरपुर! जिला कांगडा के नूरपुर उपमंडल में नशा युवाओं का नूर छीन रहा है और पुलिस की कार्रवाई के बावजूद नतीजा शून्य ही है। नशे के काले कारोबार का क्षेत्र अड्डा बन चुका है। नूरपुर व इंदौरा उपमंडल पंजाब की सीमा से सटे हुए हैं।
स्थानीय लोगों के साथ-साथ पंजाब के तस्कर दोनों उपमंडलों में चोरी छिपे नशे की तस्करी कर खूब चांदी कूट रहे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल नूरपुर व इंदौरा थानों में 120 मामले एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं। पुलिस की कार्रवाई के बावजूद नशा माफिया बेखौफ है। इंदौरा के छन्नी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कच्ची शराब निकालने के साथ-साथ हेरोइन यानी चिट्टे का काला कारोबार किया जा रहा है। दोनों उपमंडलों में कई शैक्षणिक संस्थान हैं और इनमें पढ़ने वाले छात्र नशा तस्करों के निशाने पर हैं। दिन-ब-दिन युवा नशों की गिरफ्त में फंसकर जिंदा लाश बनते जा रहे हैं। हालांकि सरकार ने नूरपुर व इंदौरा में नारकोटिक्स सेल भी तैनात किया है पर काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कुछ समय से इलाके में पंजाब व हिमाचल पुलिस का संयुक्त ऑपरेशन नशा माफिया के खिलाफ जारी है और इसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं।
लगातार मामलों में इजाफा
पिछले साल नूरपुर व इंदौरा थानों में एनडीपीएस एक्ट के तहत 120 मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस नशा माफिया के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। हिमाचल व पंजाब पुलिस का नशा माफिया के खिलाफ संयुक्त ऑपरेशन काफी हद तक सफल रहा है। काला कारोबार करने पर गिरफ्तार किए गए आरोपितों की वित्तीय स्थिति का पता भी लगाया जा रहा है ताकि उनके संपत्ति जब्त की जा सके।
-डॉ. साहिल अरोड़ा, डीएसपी नूरपुर
प्रदेश सरकार नशे का अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। नूरपुर को पुलिस जिला का दर्जा देना समय की मांग है। इस मामले को मैं विधानसभा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष उठा चुका हूं। पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी भी नूरपुर इलाके में नशे के खात्मे के लिए नूरपुर को पुलिस जिला का दर्जा देने की मांग का समर्थन कर चुके हैं। हाल ही में सदवां में पुलिस पोस्ट मंजूर करवाई है।
-राकेश पठानिया, विधायक नूरपुर
लोगों ने उठाई मांग
नूरपुर को पुलिस जिला बनाने की पैरवी क्षेत्र की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से जुड़े लोगों राजीव पठानिया, अरविंद शर्मा, जीएस पठानिया, अतुल गुप्ता, नरेश कुमार, राजीव महाजन, सवर्ण राणा, राहुल धीमान, सिद्धांत शर्मा व ईशान महाजन सहित पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों महेंद्र, दयाल बिट्टा, सिकंदर राणा, परमजीत नरेश कुमार शर्मा, सुरेंद्र पठानिया व शमशेर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि नूरपुर व इंदौरा उपमंडल में नशों के काले कारोबार पर नकेल कसने के लिए नूरपुर को पुलिस जिला का दर्जा दिया जाए।
ठोस कार्रवाई की जरूरत
क्षेत्रवासी बोले, कड़े कदम उठाए सरकार नशे की कालाबाजारी के खिलाफ कठोर कदम उठाने की जरूरत है। नशे से युवा वर्ग अंधकार की ओर जा रहा है। सरकार को नशे के खात्मे के लिए तुरंत नूरपुर को पुलिस जिला का दर्जा देना चाहिए।
- राजीव पठानिया
सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण नशों की कालाबाजारी बढ़ गई है। खासकर सिंथेटिक नशे ने पांव जमा लिए हैं। सरकार को युवा वर्ग को नशे से बचाने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए। -अतुल गुप्ता ,वरिष्ठ अधिवक्ता
क्षेत्र नशे की मंडी बनकर रह गया है। एक साल में 120 मामले दर्ज होना इस बात का प्रमाण है कि पुलिस की सख्ती के बावजूद अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुलिस को इस दिशा में जल्द कदम उठाने चाहिए।
-राजीव महाजन
नशा माफिया की कमर तोड़ने का वक्त आ गया है। सरकार ने सदवां के लिए पुलिस पोस्ट मंजूर की है लेकिन नशे को जड़ से समाप्त करने के लिए पुलिस फोर्स बढ़ानी चाहिए।
-सिकंदर राणा, पंचायत प्रधान पंदरेहड़
क्षेत्र नशे के चंगुल में फंसता जा रहा है। नशे के खिलाफ कदम उठाए जाने चाहिए। पुलिस फोर्स बढ़ानी चाहिए। यदि सरकार नूरपुर को पुलिस जिला बनाती है तो नूरपुर में अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात होगी।
सिद्धांत शर्मा , अधिवक्ता