Move to Jagran APP

पंजाब से सटे सीमावर्ती गांवों में फि‍र से पांव पसारने लगा नशा माफिया, पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल

Drug Mafia Himachal जिला में लंबे समय से चिट्टा व चूरापोस्त की खेप पर रोक लगने के बाद अचानक पुन खेप के पहुंचने से चिंता बढ़ने लगी है। युवाओंं को अपने चपेट में लेने वाली इस खेप को रोकने के पुलिस विभाग के दावों की पोल जरूर खुलने लगी है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Wed, 29 Sep 2021 06:27 AM (IST)Updated: Wed, 29 Sep 2021 07:54 AM (IST)
चिट्टा व चूरा पोस्त की अचानक पुन खेप के पहुंचने से चिंता बढ़ने लगी है।

ऊना, सतीश चंदन। जिला के सीमावर्ती गांवों में नशा माफिया फिर से पांव पसारने लगा है।  चिट्टा व चूरा पोस्त की तस्करी फिर से होने लगी है। युवा पीढ़ी को निगलने वाला यह धीमा जहर फिर अपना असर दिखाने लगा है। नशा माफिया पर लगाम कसने के पुलिस के दावों की इसंसे पोल खुलने लगी हैै। जिस तरह से ऊना के मैहतपुर में चूरा पोस्त व हरोली क्षेत्र में ही एक दिन में ही तीन युवकों से चिटटा की खेप बरामद की गई है, उसको देखकर ऐसा लगने लगा है कि सीमावर्ती गांवों पर पुलिस की चौकसी हटने के कारण ही पंजाब से नशे का कारोबार फिर फलन फूलने लगा है।

loksabha election banner

बेशक पुलिस प्रशासन की तरफ से सीमाओं पर कड़ी चौकसी की जाती है बावजूद इसके नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए पुलिस की घेराबंदी नाकाम सिद्ध हो रही है। इसमें अहम कारण जिला की सीमाओं पर प्रवेश करने के लिए वैकल्पिक मार्ग ही भूमिका निभाते हैं। अवैध धंधों में संलिप्त माफिया वैकल्पिक मार्गों को ही अपनी ढाल बनाते है। इस ढाल का ही भरपूर फायदा उठाया जा रहा है।

हैरत का विषय है कि राजस्थान के श्री गंगानगर की चूरा पोस्त की खेप किस तरह से पंजाब से होते हुए मैहतपुर के प्रवेशद्वार तक पहुंच गई लेकिन इसमें पुलिस के सूचना तंत्र की बदौलत खेप को बरामद करने में बेशक सफलता मिल गई। अब व्यवस्था पर सवाल जरुर खड़े हो रहे हैं कि बैरियर पर तैनात स्टाफ क्या सिर्फ टोल पर्ची काटने के लिए सुरक्षा मुहैया कराने तक ही सीमित है। क्योंकि यदि जिला पुलिस का सूचना तंत्र पुख्ता नहीं होता तो यह खेप आसानी से प्रवेश करने के बाद माफिया के अड्डे तक पहुंच जाती। वहीं हरोली क्षेत्र में चिट्टे की करीब 20 ग्राम खेप किस तरह पहुंच गई। इससे भी व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे है। यदि किन्हीं कारणों से पुलिस का सूचना तंत्र मजबूत ना होता तो शायद यह चिट्टा की खेप अपने ठिकाने तक पहुंच जाती।

सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि चिट्टे की खेप पंजाब के ही कुछ युवक लेकर प्रदेश सीमा में प्रवेश करके कहां पर जा रहे थे। वहीं, ऊना थाना के तहत टक्का गांव में एक चिट्टा माफिया से खेप पकडऩे के बाद पुलिस ने इस खेप के सही सोर्स को भी कोटलाकलां गांव से पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।

क्‍या कहते हैं एसपी

पुलिस अधीक्षक ऊना अर्जित सेन ठाकुर ने कहा नशा माफिया को दबोचने के लिए पुलिस का मजबूत सूचना तंत्र ही अहम भूमिका निभाता है। माफिया को लगता है कि पुलिस सुस्त पड़ गई है लेकिन पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है। बस पुलिस का कार्रवाई का नजरिया व ढंग समय-समय पर बदलता रहता है। सीमाओं पर तैनात पुलिस स्टाफ को मुस्तैदी से डयूटी करने के निर्देश दिए गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.