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टांडा में नवजात की मौत पर हंगामा, स्‍वजन बोले- प्रशिक्षु चिकित्‍सकों की लापरवाही से बच्‍चे के सिर पर लगी चोट

New Born Baby Death Tanda डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में जिला कांगड़ा के उपमंडल जवाली के तहत पड़ते एक गांव के नवजात बच्चे की मौत को लेकर अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Mon, 16 Aug 2021 11:53 AM (IST)Updated: Mon, 16 Aug 2021 03:05 PM (IST)
टांडा में नवजात की मौत पर हंगामा, स्‍वजन बोले- प्रशिक्षु चिकित्‍सकों की लापरवाही से बच्‍चे के सिर पर लगी चोट
टांडा में एक नवजात बच्चे की मौत को लेकर अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। New Born Baby Death Tanda, डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा में जिला कांगड़ा के उपमंडल जवाली के तहत पड़ते एक गांव के नवजात बच्चे की मौत को लेकर अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। इसको लेकर नवजात बच्चे के स्वजनों ने एक वीडियो वायरल किया है। मृतक नवजात के दादा ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि उनकी बहु अनुबाला के प्रसव की पांच अगस्त की तारीख थी। उन्होंने उसी दिन अपनी बहू को टांडा में एडमिट किया था। रात करीब 11 बजे अनुबाला का प्रसव पीड़ा शुरू हुई। अगले दिन यानि छह अगस्त को अनुबाला को 11 बजे लेबर रूम ले गए। थोड़ी देर में उन्हें लेबर रूम में बुलाया गया और वहां डयूटी पर तैनात प्रशिक्षु डाक्टर ने कहा कि हम अनुबाला को पेनलेश इंजेक्शन देने जा रहे हैं।

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इसके बाद शाम पांच बजे उन्हें दोबारा वेंटीलेटर कक्ष बुलाया गया, वहां एक अन्य प्रशिक्षु डाक्टर थी। डाक्टर ने कहा कि आपके पोते की हालत बहुत गंभीर है, इसलिए उसे वेंटीलेटर पर रखा गया है। जब उन्होंने वहां अपने पोते को देखा तो उसके माथे पर एक गंभीर घाव था और खून बह रहा था। इसके अलावा चेहरे पर भी खरोंचे थी। बाद में एक डाक्टर ने नवजात के सिर पर टांके लगाए। दादा ने दावा किया है कि सामान्य डिलीवरी के दौरान प्रशिक्षु डाक्टरों ने लापरवाही की है, जिसके कारण उनके पोते के सिर पर गंभीर चोट आई थी।

छह अगस्त से उनका पोता टांडा में था और 13 अगस्त अल सुबह नवजात की मौत हो गई, क्योंकि नवजात का रक्त बहुत अधिक बह चुका था। इसको लेकर वह जब विभागाध्यक्ष से बात की तो उन्होंने भी संतुष्ट जबाव नहीं दिया। नवजात के स्वजनों का कहना है कि उनका वीडियो वारयल करने का उद्देश्य कोई बड़ा हंगामा खड़ा करना नहीं है, सिर्फ न्याय चाहिए। वह चाहते हैं कि टांडा प्रशासन अपनी जिम्मेवारी समझे और प्रशिक्षु डाक्टरों के सिर पर पूरा गायनी विभाग न चलाए, प्रसव के दौरान कम से कम एक वरिष्ठ डाक्टर जरूर तैनात हो, ताकि जो उनके परिवार के साथ हुआ है वह किसी ओर के साथ न हो। बताया जा रहा अस्‍पताल प्रबंधन मामले की जांच कर रहा है।


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