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पुलिस सात दिन में न तलाश पाई, युवाओं ने 180 मिनट में ढूंढ निकाला लापता छात्र

Dharmshala Local boys rescue student of Delhi 13 युवाओं की टीम ने मात्र तीन घंटे में ही दिल्‍ली के लापता छात्र को ढूंढ निकाला।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Tue, 26 Mar 2019 09:25 AM (IST)Updated: Tue, 26 Mar 2019 10:39 AM (IST)
पुलिस सात दिन में न तलाश पाई, युवाओं ने 180 मिनट में ढूंढ निकाला लापता छात्र
पुलिस सात दिन में न तलाश पाई, युवाओं ने 180 मिनट में ढूंढ निकाला लापता छात्र

धर्मशाला, जेएनएन। भौगोलिक परिस्थितियों से भलीभांति वाकिफ धर्मशाला के स्थानीय युवाओं को जैसे ही दिल्ली निवासी छात्र हिमांशु को ढूंढने का जिम्मा सौंपा तो 13 युवाओं की टीम ने मात्र तीन घंटे में ही सफलता हासिल कर ली। साथ ही युवाओं ने साबित कर दिया कि उनका जोश पुलिस से कई गुना ज्यादा है। रविवार शाम को हिमांशु के पिता पंकज आहुजा ने मैक्लोडगंज, नड्डी, खनियारा और बल्ल के 13 सदस्यीय दल के साथ बातचीत कर बेटे का पता लगाने एवं रेस्क्यू करने का जिम्मा सौंपा।

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रेस्क्यू दल सोमवार सुबह करीब 5.30 बजे भागसूनाग से रवाना हुआ और करीब चार किलोमीटर ऊपर पहाड़ी के पत्थर के नीचे टूटा पांव लिए बैठे हिमांशु को ढूंढ निकाला। टीम के सदस्यों ने छात्र को पीठ पर उठाकर वाटरफाल में इंतजार कर रही पुलिस के हवाले कर दिया। हिमांशु आहुजा निवासी शहादरा दिल्ली दोस्तों के साथ यहां घूमने आया हुआ था और 18 मार्च को वह त्रियुंड की पहाडिय़ों में लापता हो गया था। इसके बाद पुलिस का दल बार-बार पहाड़ी की ओर जाकर हिमांशु को ढूंढने का प्रयास कर रहा था, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली थी।

ये थे दल में शामिल

कुलदीप (ग्रुप लीडर), शिवम कुमार, सचिन कुमार, मनु शर्मा, रणजीत सिंह, सचिन हयूंरी, अभिषेक, सचिन पठानिया, निखिल, मिनाष, प्रिक्षित, मनु व मोहिंद्र सिंह।

क्या कहते हैं रेस्क्यू टीम के सदस्य

टीम सदस्य रणजीत सिंह ने बताया कि पहाड़ी से उतरकर चढ़ाई चढ़ते समय उन्हें दूर से किसी व्यक्ति के होने का आभास हुआ। जब थोड़ा नजदीक पहुंचे तो उनकी नजर हिमांशु पर पड़ी और उसे उठाकर नीचे ले आए। उन्होंने कहा कि वे पिछले 11 साल से ट्रैकिंग कर रहे हैं और इससे पहले भी कई रेस्क्यू ऑपरेशनों को अंजाम दिया है।

टीम को दिया जाएगा लाइफ सेविंग अवार्ड

रेस्क्यू करने वाले दल को सरकार की ओर से लाइफ सेङ्क्षवग अवार्ड दिया जाएगा। इसके अलावा पुलिस प्रशासन प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजेगी और दल को सम्मानस्वरूप नकद राशि भी दी जाएगी। इसके साथ ही पुलिस प्रशासन ने निर्णय लिया है कि अगर भविष्य में दोबारा इस तरह के रेस्क्यू ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है तो इसी दल की नियमित सेवाएं ली जाएंगी।

रेस्क्यू दल के प्रयासों से ही हिमांशु का पता चल पाया है और इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। दल लाइफ सेविंग अवार्ड के लिए नामित किया जाएगा। इसके अलावा भविष्य में दल की नियमित सेवाएं ली जाएंगी। -संतोष पटियाल, पुलिस अधीक्षक, कांगड़ा।

रेस्क्यू दल और पुलिस के प्रयासों से ही मेरा बेटे सुरक्षित बचा है। दल को अपनी ओर से सम्मानित करूंगा। -पंकज आहुजा, हिमांशु के पिता।


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