नहीं होगा कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तार
कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार को लेकर वर्षों से कथित तौर पर बनाई जा रही योजनाओं और हो रहे सर्वे पर एयरपोर्ट प्रशासन ने विराम लगा दिया है।
जेएनएन, गगल (कांगड़ा)। कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए वर्षों से बनाई जा रही योजनाओं और सर्वे पर एयरपोर्ट प्रशासन ने विराम लगा दिया है। एयरपोर्ट प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि कांगड़ा हवाई अड्डा का अब विस्तार नहीं होगा। तर्क दिया है कि एक ओर मांझी और गज खड्ड तो दूसरी ओर पठानकोट-जोगेंद्रनगर रेललाइन व 132 केवी विद्युत लाइन विस्तार में रोड़ा बन रही है। इस संबंध में हवाई अड्डा प्रशासन ने 15 नवंबर को पर्यटन विभाग की उपनिदेशक डॉ. मधु चौधरी से बैठक भी की थी।
इसमें स्पष्ट किया गया था कि इतनी समस्याओं के बावजूद अगर हवाई अड्डे का विस्तार किया जाता है तो इसके लिए कम से कम आठ वर्ष लग जाएंगे। इसके विपरीत जिला मंडी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण कार्य पांच वर्ष में कर लिया जाएगा। कांगड़ा एयरपोर्ट के निदेशक किशोर शर्मा ने बताया कि विस्तारीकरण में एयरपोर्ट की लंबाई और चौड़ाई दोनों स्तरों पर बाधाएं ही हैं। लंबाई के दायरे में मांझी और गज खड्डें आती हैं। इसके अलावा चौड़ाई के विस्तार के लिए एयरपोर्ट का टर्मिनल भवन, प्रस्तावित फोरलेन, पठानकोट-मंडी रेलवे ट्रैक और विद्युत विभाग की 132 केवी लाइन बीच में आती है।
उनका कहना है कि जितनी राशि विस्तारीकरण पर खर्च होगी, उससे कई गुना कम बजट से मंडी में नए एयरपोर्ट का निर्माण हो जाएगा। एयरपोर्ट के विस्तार के लिए वर्षो से कवायद चली रही थी। 2016 में केंद्र सरकार की टीम ने यहां सर्वे भी किया था। सर्वेक्षण के अनुसार, कांगड़ा हवाई अड्डा का रनवे 1820 मीटर लंबा व 150 मीटर चौड़ा किया जाना था। इसके लिए कम से कम 153 एकड़ भूमि की और जरूरत थी।
रनवे विस्तार के लिए इच्छी, गगल, मस्तपुर व पुराना मटौर के लोगों को यहां से शिफ्ट करने का प्लान बना लिया था। इसके साथ ही कांगड़ा एयरपोर्ट को वायुसेना एयरबेस में तबदील करने के लिए भी योजना बनाई गई थी। अब एयरपोर्ट प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि हवाई अड्डे का विस्तार नहीं होगा। इससे एयरपोर्ट के साथ लगती पंचायतों के बाशिंदों ने राहत की सांस ली है।