ज्वालामुखी क्षेत्र की कुछ पंचायतों में सीमेंट खराब होने के कगार पर, विकास कार्य ठप
ज्वालामुखी क्षेत्र की कुछ पंचायतों में रेत और बजरी न मिल पाने के चलते पंचायतों के विकास कार्य ठप पड़ गए हैं। गोदामों में रखा विकास कार्यों के लिए सीमेंट रेत और बजरी न मिल पाने के कारण बरसात के दिनों में जाम होने की स्थिति में है।
ज्वालामुखी, संवाद सहयोगी। पंचायतों में सीमेंट खराब होने के कगार पर पहुंच गया है। इसका कारण यह है कि पंचायतों में रेत, बजरी उपलब्ध न हो पाने के कारण परेशानी जेलनी पड़ रही है। विकास कार्य ठप पड़े हैं। ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र की कुछ पंचायतों में रेत और बजरी न मिल पाने के चलते पंचायतों के विकास कार्य ठप पड़ गए हैं पंचायतों के गोदामों में रखा विकास कार्यों के लिए सीमेंट रेत और बजरी न मिल पाने के कारण बरसात के दिनों में जाम होने की स्थिति में है। जिससे न केवल विकास कार्य ठप पड़ रहे हैं बल्कि लाखों रुपये का सीमेंट खराब होने का खतरा अलग से दिखाई दे रहा है।
पंचायत जनप्रतिनिधियों ने सरकार व प्रशासन से आग्रह किया है कि शीघ्र ही रेत और बजरी का अभाव दूर किया जाए रेत और बजरी पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए। स्टोन क्रशर पर प्रतिबंध खोला जाए ताकि विकास कार्यों के लिए रेत और बजरी मिल सके और पंचायतों के छोटे-छोटे कार्य शुरू हो सके।
यह बोली पंचायत प्रधान
हिरण पंचायत की प्रधान ममता राणा ने बताया कि उनके पंचायत के गोदाम में सीमेंट पड़ा है परंतु रेत और बजरी ना मिल पाने के कारण विकास कार्य रुके हुए हैं सीमेंट खराब होने का खतरा अलग से दिखाई दे रहा है जिससे पंचायत को नुकसान हो सकता है इसलिए सरकार कोई नीति निर्धारित करें ताकि कोई बीच का रास्ता निकले और विकास कार्य की गति थमने का नाम ना ले सके उन्होंने बताया कि जब रेत और बजरी उपलब्ध था तो सीमेंट नहीं मिलता था और अब सीमेंट मिल गया है तो रेत और बजरी पर प्रतिबंध होने की वजह से उनका अभाव हो गया है। ऐसे में विकास कार्य कैसे संभव हो पाएगा सरकार इन चीजों का ध्यान रखें और कोई ऐसी नीति बनाएं जिससे विकास कार्य लगातार चलते रहें और लोगों को इनका लाभ मिल सके।