फोरलेन सर्वे ने छीना 400 परिवारो का चैन
फोरलेन सड़क ने ऐसी दशहत उत्पन्न कर दी है कि मटौर पंचायत के सैंकड़ों परिवार उजड़ने के डर के साये में जीने को मजबूर हैं।
कांगड़ा, जेएनएन। पठानकोट-मंडीफोरलेन का कार्य बेशक शुरू नहीं हुआ है लेकिन सर्वे ने 400 परिवारों का चैन छीन लिया है। मटौर पंचायत के सैकड़ों परिवार दहशत के साये में हैं। पंचायत के वार्ड पांच से फोरलेन का सर्वे किया गया है उसकी जद में चार सौ परिवार आएंगे और उनकी रिहायश, दुकानें व सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि आ रही है। प्रभावित होने वाले परिवारों में अधिकतर लोग सेवानिवृत्त सैनिक, अधिकारी, कर्मचारी व किसान शामिल हैं। इस संबंध में शनिवार को पंचायत प्रधान मटौर निर्मल सिंह की अगुवाई में बैठक हुई और फैसला लिया गया कि मुख्यमंत्री के कांगड़ा दौरे के दौरान इस मामले को उठाया जाएगा।
निर्मल सिंह ने बताया कि फोरलेन का सर्वे किस आधार पर हुआ, यह लोगों की समझ से परे है। आरोप लगाया कि सर्वे राजनीति से प्रेरित है और प्रभावशाली लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है। सर्वे के अनुसार, पंचायत से आधा किलोमीटर का पुल बनेगा और इसकी जद में मटौर पंचायत की कृषि योग्य भूमि आएगी और सैकड़ों परिवार प्रभावित होंगे। नए सर्वे के हिसाब से ढाई से तीन किलोमीटर का नया रोड बनाना पड़ेगा। फोरलेन मटौर से उत्तर पूर्व होता हुआ भड़वाल से कोहाला होते हुए कोहाला-कच्छियारी जंगल की पहाड़ी के साथ टांडा फाय¨रग रेंज के डेंजर जोन से गुजरेगा और इससे तीन किलोमीटर का सफर बढ़ जाएगा।
बैठक में सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी आइआर सिंह, सेवानिवृत्त सेना अधिकारी अलदेव ठाकुर, गिरीराज वालिया, सुरेन्द्र कुमार, अवतार ¨सह, राजविन्द्र सिंह, जयपाल खैरा, रामस्वरूप शर्मा, मूल राज, प्रकाश चंद, मस्त राम, पुरुषोत्तम व मिल्खी राम सहित काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया। फायरिंग रेंज की जद में कोहाला फाय¨रग रेंज की जद में हमेशा मटौर, कोहाला व भड़वाल रहते हैं और ऐसे में फोरलेन बनता है तो इस मार्ग पर चलने वाले वाहनों पर भी फाय¨रग का खतरा बना रह सकता है। फाय¨रग से कई बार स्थानीय लोग भी घायल हुए हैं। 9 मार्च, 2010 को कोहाला में मोर्टार फटने से तीन बच्चों राहुल, साहिल व चंदन की मौत हो गई थी। घुरकड़ी के रोशन लाल भी गोली के शिकार हुए थे।