सीएसआइआर-आइएचबीटी की ओर से हींग व केसर की फसल को दिया जा रहा बढ़ावा
Hing Cultivation सीएसआइआर हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर में विज्ञान यात्रा कार्यक्रम का एमएस टीम एवं यू-ट्यूब के माध्यम से आयोजन किया गया। सीएसआइआर-आइएचबीटी पालमपुर के निदेशक डाक्टर संजय कुमार ने विज्ञान यात्रा के महत्व के बारे में बताया।
पालमपुर, जेएनएन। सीएसआइआर हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान पालमपुर में विज्ञान यात्रा कार्यक्रम का एमएस टीम एवं यू-ट्यूब के माध्यम से आयोजन किया गया। सीएसआइआर-आइएचबीटी पालमपुर के निदेशक डाक्टर संजय कुमार ने विज्ञान यात्रा के महत्व के बारे में बताया। बताया संस्थान द्वारा हींग और केसर फसलों की खेती का विस्तार आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक अग्रणी कदम होगा। हींग के पौधों को लाहुल स्पीति और मंडी जिलों के किसानों को उपलब्ध कराया गया है। केसर की खेती को किन्नौर, मंडी और चंबा जिलों में प्रोत्साहित किया जा रहा है। सेब के पौधों को मिजोरम और अन्य राज्यों में उपलब्ध करवाया है।
संस्थान ने विटामिन डी से भरपूर सिटाके मशरूम, आयरन, प्रोटीन और फाइबर युक्त उत्पादों को भी विकसित किया है। संस्थान ने डिब्बा बंद खाद्य पदार्थ विभिन्न चक्रवात से प्रभावित क्षेत्रों के पीडि़तों और कोरोना महामारी में जरूरतमंद लोगों को वितरित किया है। डा. संजय कुमार ने संस्थान द्वारा किए जिज्ञासा कार्यक्रमों, विज्ञान मेले एवं प्रदर्शनियां, वैज्ञानिक-छात्र-अध्यापक संपर्क कार्यक्रमों के बारे में भी जानकारी दी।
मुख्य वक्ता प्रो. शशि कुमार धीमान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारत का योगदान विषय पर संभाषण दिया। उन्होंने संस्थान द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किए गए प्रयासों को भी सराहा। इससे पूर्व विज्ञान भारती के हिमाचल प्रदेश अध्याय के अध्यक्ष डाक्टर अश्विनी राणा ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा. शशि कुमार धीमान का परिचय प्रतिभागियों से करवाया।