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शेर पैनल जीता सीआरआइ कसौली में कर्मचारी संघ का चुनाव

केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआइ) कसौली में वीरवार को हुए कर्मचारी संघ के द्धिवार्षिक चुनाव में शेर पैनल ने क्लीन स्वीप कर दिया है। चढ़ता सूरज पैनल को शिकस्त देकर कर्मचारी संघ पर कब्जा कर लिया। शेर पैनल से जितेंद्र चौधरी को प्रधान चुना गया।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 10:49 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 10:49 PM (IST)
शेर पैनल जीता सीआरआइ कसौली में कर्मचारी संघ का चुनाव
केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली के कर्मचारी संघ के चुनाव में विजयी शेर पैनल समर्थकों के साथ। जागरण

सोलन, संवाद सहयोगी। केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआइ) कसौली में वीरवार को हुए कर्मचारी संघ के द्धिवार्षिक चुनाव में शेर पैनल ने क्लीन स्वीप कर दिया है। चढ़ता सूरज पैनल को शिकस्त देकर कर्मचारी संघ पर कब्जा कर लिया। शेर पैनल से प्रधान पद के लिए जितेंद्र चौधरी को 139 व चढ़ता सूरज पैनल के रविकांत को 113 मत प्राप्त हुए। इनके अलावा उपप्रधान पद के लिए शेर पैनल के भूङ्क्षपद्र ठाकुर को 134 व चढ़ता सूरज पैनल जसवंत को 119, महासचिव पद के लिए शेर पैनल के अजीत शर्मा को 135 व चढ़ता सूरज पैनल के रणधीर कंवर को 119, संयुक्त सचिव पद के लिए शेर पैनल के लिए मोहन सिंह को 136 व चढ़ता सूरज पैनल के नरेंद्र कुमार को 113, वहीं कोषाध्यक्ष पद के लिए शेर पैनल के वेद प्रकाश अत्री को 137 व चढ़ता सूरज पैनल के बसंत कुमार को 114 मत पड़े।

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सीआरआइ में सुबह से ही भारी बारिश के बीच भी कर्मचारियों का मतदान के लिए उत्साह कम नहीं हुआ। सुबह 8:30 बजे मतदान शुरू होकर शाम 4:40 बजे तक चला। सुबह 8:30 बजे से लेकर 10:30 बजे तक आरएंडटी ङ्क्षवग परिसर में मतदान हुआ। उसके बाद 11 बजे से लेकर शाम तक संस्थान के मुख्य परिसर में मतदान हुआ। संघ के चुनाव में 262 कर्मचारी मतदाताओं में से 255 ने मतदान किया।

 

उम्मीदों पर खरा उतरना रहेगा चुनौती

सोलन, मनमोहन वशिष्ठ। केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (सीआरआइ) कसौली में कर्मचारी संघ पर किसी भी पैनल की जीत हो, लेकिन कर्मचारी नेताओं को संस्थान के कर्मचारियों की मांगों व उम्मीदों पर खरा उतरना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। संस्थान में चाहे बंद पड़ा वैक्सीन उत्पादन हो या कई वर्षों से खाली पदों को भरना, कर्मचारियों की उम्मीदें संघ के नेताओं पर रहेेंगी। किसी समय में संस्थान में एक हजार के करीब नियमित कर्मचारी व अधिकारी होते थे, लेकिन आज नियमित कर्मचारियों की संख्या केवल सैकड़ों में ही रह गई है।

संस्थान महत्वपूर्ण जीवनरक्षक वैक्सीन के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। वैक्सीन की रिसर्च को लेकर संस्थान को जाना जाता था, लेकिन वर्तमान में संस्थान अपनी पहचान को खो रहा है। एंटी रेबीज वैक्सीन, कालरा वैक्सीन, टायफाइड वैक्सीन, एकेडी वैक्सीन, यलो फीवर वैक्सीन, जेई वैक्सीन, डीटीपी ग्रुप आफ वैक्सीन के अलावा कई तरह के जीवनरक्षक एंटी सीरम का उत्पादन यहां की पहचान रहा है। लेकिन वर्तमान में केवल डीटीपी वैक्सीन व एंटी सीरम का ही यहां उत्पादन हो रहा है। कोरोना काल में यहां पर बंद पड़ी कई वैक्सीनों को फिर से शुरू करवाने का मौका था, लेकिन संस्थान प्रशासन स्वास्थ्य मंत्रालय के समक्ष आवाज नहीं उठा पाया।

कर्मचारी संघ के नेताओं का कहना है कि सीआरआइ कसौली एक ऐतिहासिक विश्वविख्यात संंस्थान रहा है। देश में इसे स्वास्थ्य संस्थानों के मदर इंस्टीट्यूट के नाम से जाना जाता है। इसका गौरवमयी इतिहास रहा है, इसलिए उस गौरव को कायम रखने के लिए कर्मचारी संघ के माध्यम से प्रयासरत रहेंगे। संस्थान में बंद पड़े उत्पादों को शुरू करवाने व नियमित पदों को भरवाने के लिए संघ के माध्यम से केंद्रीय मंत्रालय के समक्ष आवाज बुलंद करेंगे।


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