कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए शिक्षक तैयार, बिजली कर्मी देंगे एक दिन का वेतन
कोरोना से जंग लड़ने के लिए प्रदेश के शिक्षक भी सरकार से कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं।
शिमला, जेएनएन। कोरोना से जंग लड़ने के लिए प्रदेश के शिक्षक भी सरकार से कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं। शिक्षक संगठनों के नेताओं ने इस को लेकर मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से अंशदान करने का संकल्प लिया है। अब वे दूसरे शिक्षकों को भी इस बारे में जागरूक कर रहे हैं। शिक्षक नेताओं का कहना है कि उनकी इस पहल से सरकार को कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में मदद मिलेगी।
कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने के लिए शिक्षक सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे सभी शिक्षकों शिक्षकों से आग्रह किया गया है कि वह मुख्यमंत्री राहत कोष में अपनी इच्छा के अनुसार एक दिन का वेतन दान करें। -वीरेंद्र चौहान, अध्यक्ष राजकीय अध्यापक संघ।
सभी शिक्षकों से मुख्यमंत्री राहतकोष में अंशदान करने का आग्रह है। मैंने खुद बुधवार को 11000 का अंशदान किया है। शिक्षक इसको लेकर राजी हैं। शिक्षकों का ये प्रयास सरकार के हाथ और मजबूत करेगा। -चितरंजन कल्टा, अध्यक्ष पीजीटी यूनियन।
कोरोना के खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार तैयारियों में जुट गई है। प्रदेश के सभी कर्मचारियों खासकर शिक्षकों से आग्रह है कि वे अपनी क्षमता मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करें। राज्य सरकार के शिखर की ओर हिमाचल वेबसाइट या पोर्टल को डाउनलोड को डाउनलोड कर या ब्रॉउज कर सीधे दानकर सकते हैं। एक दिन की सैलरी का दान करोड़ों की सहायता करने में मदद करेगा। -डॉ. मामराज पुंडीर, ओएसडी शिक्षा मंत्री।
बिजली कर्मचारियों ने लिया फैसला
कोरोना वायरस से निपटने के लिए बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने भी हाथ बढ़ाया है। बिजली बोर्ड के तकनीकी कर्मचारी एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे। राज्य बिजली बोर्ड के तकनीकी कर्मचारी इस महामारी से निपटने के लिए अपने एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देंगे। एसोसिएशन के सचिव नेकराम ठाकुर ने बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक को इसके लिए पत्र लिखकर सभी कर्मचारियों की सहमति दे दी है। उन्होंने अन्य कर्मचारियों से भी उदार मन से मुख्यमंत्री राहत कोष में अंशदान करने की अपील की है।