हिमाचल में सीएम से लेकर विधायक तक के वेतन में कटौती, कर्मचारियों पर भी लिया जा सकता है फैसला
हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस के कारण बड़ा फैसला लिया है। सीएम समेत मंत्रियों व विधायकों के वेतन में तीस फीसद की कटौती की गई है।
शिमला, जेएनएन। कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग में अब केंद्र सरकार के बाद हिमाचल सरकार ने भी संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और विधायकों के वेतन से तीस फीसद राशि कटेगी। नए वित्त वर्ष के दौरान विधायकों को मिलने वाली विधायक क्षेत्र विकास निधि की 1.75 करोड़ रुपये की धनराशि को भी दो साल के लिए स्थगित रखने का निर्णय लिया है। दो वर्ष तक यह धनराशि राज्य सरकार के कंसोलिडेटेड फंड में जाएगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के तहत आयोजित मंत्रिमंडलीय बैैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से एक सूत्रीय एजेंडा पर चर्चा हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना से जंग के लिए सभी संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और मंत्रियों व विधायकों के वेतन में तीस प्रतिशत की कटौती की जाएगी।
विधायक क्षेत्र विकास निधि की 119 करोड़ रुपये की धनराशि कोष में जाएगी। वेतन कटौती से कोष में करीब ढाई करोड़ रुपये की धनराशि जाएगी। मंत्रिमंडल बैठक में सरकारी कर्मचारियों के वेतन कटौती पर भी चर्चा हुई। लेकिन कर्मचारियों के वेतन कटौती को लेकर फिलहाल कोई निर्णय नहीं हुआ। संभावना व्यक्त की जा रही है कि देश के चार राज्यों की तर्ज पर हिमाचल सरकार पौने तीन लाख कर्मचारियों के वेतन में भी निकट भविष्य में तीस प्रतिशत की कटौती कर कंसोलिडेटेड फंड में डाल सकती है।
सरकारी निवास ओक ओवर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के तहत हुई मंत्रिमंडल बैठक में शिक्षा एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज, कृषि मंत्री डा. रामलाल मारकंडा और शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी मौजूद थी। जबकि कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर, गोविंद सिंह ठाकुर, बिक्रम सिंह, डाॅ. राजीव सैजल, वीरेंद्र कंवर अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों से वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े थे।
मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय के संदर्भ में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने मीडिया से बात करते हुए कहा केंद्र सरकार की तर्ज पर हिमाचल सरकार ने तीस प्रतिशत वेतन कटौती करने का निर्णय लिया है। वेतन कटौती से एकत्र होने वाली धनराशि कोविड-19 के लिए गठित कोष में जाएगी। उन्होंने कहा कि देश के चार राज्यों उड़ीसा, राजस्थान, महाराष्ट्र व तेलंगाना में सरकारों ने इस संकट की घड़ी में कर्मचारियों के वेतन में तीस प्रतिशत कटौती करने का निर्णय लिया है।
इस विषय में बैठक में चर्चा हुई, लेकिन सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। यदि आवश्यक हुआ तो निकट भविष्य में सरकार कर्मचारियों के वेतन में कटौती करके कोष में धनराशि डालने का निर्णय ले सकती है। मंत्रिमंडल बैठक का निर्णय एक अप्रैल 2020 से एक वर्ष के लिए लागू रहेगा।
किसको कितना वेतन मिलता
- पद मौजूदा वेतन मासिक कितनी कटौती हुई
- मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 95000 रुपये 28.500 रुपये कटौती
- कैबिनेट मंत्री 80000 रुपये 24000 रुपये कटौती
- विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार 80000 रुपये 24000 रुपये कटौती
- विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज 75000 रुपये 22500 रुपये कटौती
- विधानसभा सदस्य 55000 रुपये 16500 रुपये कटौती
- निगम-बोर्ड के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष 30000 रुपये 9000 रुपये कटौती