Coronavirus: व्यवस्था के पैबंद में अव्यवस्था के छेद, धनेटा क्वारंटाइन सेंटर में आ रहे जहरीले जीव जंतु
व्यवस्था ऐसी की अव्यवस्था भी कहीं दम न तोड़ दे ...जी हां ऐसा ही है सीनियर सेकेंडरी स्कूल धनेटा (लालां द टयाला) का क्वारन्टाइन सेंटर।
नादौन, संजीव बॉवी। व्यवस्था ऐसी की अव्यवस्था भी कहीं दम न तोड़ दे ...जी हां ऐसा ही है सीनियर सेकेंडरी स्कूल धनेटा (लालां द टयाला) का क्वारन्टाइन सेंटर। यहां बिस्तर के रूप में दो इंच मोटी फोम का गद्दा है वह भी अपना। खाने के लिए सिर्फ परिजनों का सहारा है ...सुबह परिजन यहां खाना पहुंचा दें तो शाम तक वही चलता है। राहत की बात है कि सात आठ लोगों के लिए एक शौचालय भी बना है बेशक रात को यहां अंधेरा ही रहता है, इसका कोई फर्क नहीं पड़ता।
प्रदेश सरकार ने अन्य राज्यों या रेड जोन से आने वालों के लिए क्वारंटाइन सेंटर में रहने का निर्देश दिया है। 14 दिन के बाद ही उन्हेंं घर भेजने की व्यवस्था की गई है लेकिन धनेटा में बने इस क्वारंटाइन सेंटर में अव्यवस्था के सारे नियम तोड़ दिए हैं। नाम न छापने की शर्त पर यहां रहने वाले लोगों ने बताया कि यहां से सेहतमंद आदमी भी बीमार हो सकता है। सरकार अगर अनुमति दे तो हम अपने खर्च पर व्यवस्था कर सकते हैं लेकिन हमें यहां से बाहर जाने की अनुमति नहीं है। खुद सफाई करना कोई बुरी बात नहीं लेकिन बुनियादी जरूरतों का सामान भी नहीं है।
लालां दा टयाला नामक स्थान स्कूल में बनाए गए इस क्वारंटाइन सेंटर के कमरों में घूमते जहरीले कीड़ों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि कोराना से तो आदमी जंग जीत सकता है लेकिन व्यवस्था से निपटना आसान नहीं है। नियमों के अनुसार क्वारंटाइन सेंटर में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग शौचालय होना चाहिए लेकिन सात-आठ लोगों के लिए एक ही शौचालय है। सेंटर में सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था नाकाफी है, जिससे जीव जंतु स्कूल के कमरों में आम देखे जा सकते हैं।
इस मामले में जब सेक्टर अधिकारी राम कुमार शर्मा से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि सफाई तो वहां रह रहे लोगों को ही करनी पड़ेगी। खाने की व्यवस्था के बारे में उन्होंने कहा कि जल्द ही यह व्यवस्था भी की जाएगी। बिस्तरों की व्यवस्था के बारे में उनका जवाब संतोषजनक नहीं रहा।
उधर, उपमंडल अधिकारी नादौन विजय कुमार ने बताया समस्या सामने लाई गई है जिसे ठीक करने के आदेश दे दिए गए हैं।