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world mental health day. कोरोना महामारी ने बढ़ाए मानसिक रोगी

पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज चंबा में मनोचिकित्सा विभाग की ओर से विश्व मानसिक रोग दिवस मनाया गया। विश्व मानसिक रोग दिवस की इस वर्ष की थीम मानसिक स्वास्थ्य की देखरेख आइए इसे वास्तविकता का रूप दें रहीं।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 09:35 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 09:35 PM (IST)
world mental health day. कोरोना महामारी ने बढ़ाए मानसिक रोगी
कोरोना महामारी ने बढ़ाए मानसिक रोगी। जागरण आर्काइव

चंबा, संवाद सहयोगी। पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज चंबा में मनोचिकित्सा विभाग की ओर से विश्व मानसिक रोग दिवस मनाया गया। विश्व मानसिक रोग दिवस की इस वर्ष की थीम मानसिक स्वास्थ्य की देखरेख आइए इसे वास्तविकता का रूप दें रहीं। यानी मानसिक रूप से परेशान व इससे संबंधित बीमारी से जूझ रहे लोगों की स्वास्थ्य की उचित देखरेख करने के साथ उनका सही इलाज कर बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके।

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इस उपलक्ष्य पर विभाग के एचओडी डा. नीरज शर्मा ने कहा कि वैश्विक कोरोना महामारी के कारण पिछले डेढ़ वर्ष में मानसिक रोगियों में बढ़ोतरी हुई है। कोरोना की चपेट में आने के बाद कुछ लोग एकांत में रहकर व संक्रमित हो जाने को लेकर भी काफी परेशान रहे। उनकी यही परेशानी मानसिक रोग का कारण बन गई। इतना ही नहीं इस दौरान में कई लोगों की नौकरी चली गई, लोगों के धंधे बंद हो गए। इस पर लोग दिनभर ङ्क्षचता में डूबे रहे, जिससे मानसिक स्वास्थ्य की हानि हुई। इसी परेशानी से तंग आकर कई लोगों ने आत्महत्या जैसे कदम भी उठाए। वहीं पहले से इस बीमारी से जूझ रहे मानसिक रोगियों को भी सही इलाज नहीं मल पाया, लेकिन अब स्थिति सामान्य हो रही है, ऐसे में हम सब लोगों की जिम्मेवारी बनती है कि आर्थिक समस्या व किसी अन्य तरह की परेशानी के चलते मानसिक बीमारी से जूझ रहे लोगों के प्रति संवेदनशीलता अपनाएं, वह ऐसे लोगों की सहायता के लिए हम सब आगे आएं, ताकि मानसिक रूप से परेशान लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल सके।

जादू टोने के चक्कर में न फंसे

अचानक कोई व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार हो जाता है, तो लोग जादू टोने के चक्कर में पड़ जाते हैैं, ऐसे में लोग मरीज को सीधे चिकित्सक के पास लाएं। समय पर सही व पूरा इलाज मिले तो मानसिक रोगी स्वस्थ हो सकता है, लेकिन कुछ मानसिक रोगी कुछ समय दवा खाने पर खुद को पूरी तरह से स्वस्थ समझ बैठते हैं, जिससे फिर से परेशानी बढऩे की संभावना भी बढ़ सकती है।


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