Coronavirus: आपदा की घड़ी में दस माह के बच्चे को घर पर छोड़ टांडा में ड्यूटी दे रही अनीता
आपदा की घड़ी में मानव सेवा में जुटे योद्धा घर परिवार को पीछे छोड़ कर समाजसेवा में जुटे हैं।
बिलासपुर (कांगड़ा), बलवंत सिंह बैंस। आपदा की घड़ी में मानव सेवा में जुटे योद्धा घर परिवार को पीछे छोड़ कर समाजसेवा में जुटे हैं। मानवीय संवेदनाएं इन योद्धाओं में भी हैं, लेकिन इन्होंने अपने कर्तव्य अपने देश व समाज के लिए अपने परिवार को भी पीछे कर दिया है। हर किसी को अपने परिवार के साथ रहना अच्छा लगता है।
जब लॉकडाउन चल रहा है तो घर में अपनों के साथ ज्यादा समय व्यतीत करने का मौका मिला है, लेकिन कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे योद्धा ऐसे भी हैं, जिन्होंने 20 दिनों से अपने परिवार के सदस्यों के चेहरे तक नहीं देखे हैं। बिलासपुर की अनीता डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्टाफ नर्स के पद पर तैनात हैं। घर में एक सात साल की बच्ची व दस माह का बेटा है, जिसे गांव में छोड़कर टांडा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रही हैं।
अनीता बीस दिन से घर नहीं लौटी हैं और टांडा अस्पताल में कोरोना वार्ड में अपनी सेवाएं दे रही हैं। दस माह का बेटा गुरएकम और सात साल की बेटी ओजस्वी, पति विकास व सास विजय लक्ष्मी घर पर हैं। दस माह के बच्चे का ख्याल सास व पति रख रहे हैं, जबकि अनीता खुद मरीजों की सेवा में जुटी हैं। अनीता ने बताया कि उनके साथ उनके साथी मधुबाला, सुमन, जया, सारिका, अनीता, अलका, कविता व अंकेश भी शिफ्ट ड्यूटी पर रहते हैं।