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सरकार के एक साल पर कांग्रेस के कई सवाल

शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन विपक्ष के निशाने पर रही भाजपा सरकार के समक्ष कई सवाल भी रहे हैं। कांग्रेस ने इनको लेकर आवाज बुलंद कर दी है।

By Edited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 10:11 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 10:19 AM (IST)
सरकार के एक साल पर कांग्रेस के कई सवाल

दिनेश कटोच, धर्मशाला। शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन विपक्ष के निशाने पर रही भाजपा सरकार पर कई सवाल भी दागे गए। भले ही एक वर्ष के कार्यकाल में विकास की दुहाई दी जा रही हो, लेकिन सदन में कांग्रेस के आरोप पत्र में कुछ ऐसे सवाल भी रहे जिनसे सरकार को घेरा और जवाब भी मांगे। आरोप है कि उच्च पदों पर अपात्र व चेहतों को तैनाती दी गई है व सिर्फ चेहतों को खुश किया जा रहा है।

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आठ पन्नों के आरोप पत्र में कांग्रेस ने सरकार से 13 प्रश्नों के जवाब मांगे। सदन में इसे लहराकर सरकार को बैकफुट पर भी धकेला। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सहित विपक्ष के अन्य सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित इस आरोप पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में युवा मुख्यमंत्री बनने के बाद लोगों में आस जगी थी कि वह प्रदेश में विकास को नई गति प्रदान करेंगे, लेकिन मुख्यमंत्री ने लोगों की आस को धूमिल ही किया है।

कांग्रेस का आरोप पत्र
1. घोषणाएं ज्यादा चुनावी वादे पूरे नहीं -भाजपा ने विधानसभा चुनाव के समय किए गए वादों को पूरा नहीं किया। लोकसभा चुनाव को देखते अब सरकार के मुखिया व मंत्री धड़ाधड़ घोषणाएं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री व मंत्री पूरे प्रदेश का दौरा कर रहे हैं, सरकार की प्रशासन व अफसरशाही पर कोई पकड़ी नहीं है। लगभग एक लाख तबादले कर्मियों व अधिकारियों के किए गए जिनमें से कुछ ऐसे भी थे जिनका बार-बार बिना वजह तबादला किया गया। चहेते जूनियर अफसरों को उन जगह पर बिठाया रहा जहां कायदे से सीनियर अफसरों को बिठाना चाहिए था। इससे पात्रों को पीड़ा हुई व प्रशासनिक काम भी प्रभावित हुआ।

2. आउटसोर्स के माध्यम से चोर दरवाजे से भर्ती सरकार द्वारा आउटसोर्स के माध्यम से चोर दरवाजे से भर्तियां की गई। बडे़ स्तर पर अपनों को फायदा दिया। जब चोर दरवाजे से ही सरकार को भर्ती करनी थी तो प्रदेश में लोक सेवा आयोग व कर्मचारी चयन आयोग को बनाने की क्या जरूरत है।

3. स्कूली बच्चों को नहीं मिली वर्दी सरकार ने सरकारी स्कूलों के छात्रों को वर्दी देने का वादा किया था, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी छात्रों को वर्दी न देकर लगभग साढ़े आठ लाख छात्रों के साथ धोखा किया गया। अभी संबंधित विभाग वर्दी खरीद के लिए टेंडर तक नहीं लगा पाया है। कैबिनेट में भी यह मामला बार-बार आया लेकिन कोई भी निर्णय सरकार इस पर नहीं ले पाई। वर्दी को लेकर शिक्षा विभाग व खाद्य आपूर्ति विभाग के बीच ही खींचतान चली है। स्कूलों में अध्यापकों के पद रिक्त हैं और न्यायालय के निर्देश के बाद भी इन पदों को नहीं भर रही है।

4. वर्दी का कार्य रुक सकता है, लेकिन बाबा रामदेव को लीज का कार्य फास्ट ट्रैक पर सरकार स्कूल वर्दी के कार्य को तो रोक रही है, लेकिन बाबा रामदेव को जमीन लीज पर देने का कार्य को लेकर पूरी तरह से गति पकड़े हुए हैं। कैबिनेट ने 27 करोड़ रुपये की जमीन को मात्र अढ़ाई करोड़ रुपये की लीज पर दे दिया। जबकि ट्रस्ट सालाना 1.19 करोड़ रुपये की लीज मनी जमा करवाने में असमर्थ रहा और उसे प्रशासन द्वारा इस मामले में नोटिस भी जारी हुआ था।

5. इलेक्ट्रिक बस खरीद बड़ा भ्रष्टाचार सरकार का इलेक्ट्रिक बस खरीद भी बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है। खरीदी गई 85 बसों को लेकर पहले से ही राजभवन द्वारा इस मामले को लेकर जांच बिठाई गई है। आरोप पत्र में यह कहा गया है कि कांग्रेस शासन में इस बस को 1.37 करोड़ रुपये प्रत्येक के हिसाब से खरीदा था, लेकिन भाजपा ने अब इससे भी महंगे दामों पर इन बसों की खरीद की है।

6. विश्व बैंक की बागवानी योजना पर भी प्रश्नचिह्न बागवनी विभाग के प्रदेश हित में लगभग 1.134 करोड़ रुपये की विश्व बैंक की योजना को भी बिना वजह लटकाया गया। कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना को भाजपा सरकार द्वारा अपना प्रश्नचिह्न लगाया गया। यही नहीं ब्रिक्स योजना को भी केवल मुख्यमंत्री व आइपीएच मंत्री के गृह क्षेत्र तक ही सीमित रखा गया। क्या यह योजना अन्य विस क्षेत्रों में शुरू नहीं की जा सकती थी?

7. एक भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर काम शुरू नहीं कांग्रेस शासन में 69 राष्ट्रीय राजमार्गाें की डीपीआर न बनाने के आरोप भाजपा लगाती रही है, जिन्हें मोदी सरकार ने स्वीकृत किया था लेकिन अब भाजपा सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने के बाद भी किसी भी राज मार्ग के कार्य में कोई प्रगति नहीं हुई। यहां तक कि परवाणू-शिमला व कीरतपुर-मनाली राजमार्ग के शुरू हुए कार्य भी अब धीमी रफ्तार में हैं।

8. खराब वित्तीय हालत प्रदेश की खराब वित्तीय हालत के बावजूद भाजपा सरकार ने कोई भी अतिरिक्त कदम इसे सुधारने के लिए नहीं उठाए गए। जबकि फिजूलखर्ची को जरूर बढ़ावा भाजपा सरकार द्वारा दिया गया। सरकार अभी तक 3500 करोड़ रुपये का ऋण ले चुकी है और उसकी देनदारी अब 50 हजार करोड़ को पार कर गई है। कांग्रेस को वित्तीय अनियमिताओं पर घेरने वाली भाजपा अब अपने कार्यकाल में महंगी गाडि़यां खरीदकर प्रदेश को और कर्ज में डुबो रही है।

9. दो हेलीकॉप्टर लीज पर सरकार द्वारा दो हेलीकॉप्टर लीज पर लेकर प्रदेश की वित्तीय स्थिति को और खराब करने का प्रयास किया गया है। गरीब वर्ग के टैक्स से अपनी महंगी जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। पर्यटन क्षेत्र की हालात यह है कि देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त आज प्रदेश 20वें पायदान पर पहुंच गया है।

10. नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले वापस भाजपा सरकार अपने नेताओं के खिलाफ बनाए गए भ्रष्टाचार के मामलों को वापस ले रही है। इसके पीछे मंशा यही जाहिर की जा रही है कि उनके नेताओं के खिलाफ राजनीतिक द्वेष के चलते यह मामले बनाए गए थे।

11. कानून व्यवस्था की हालत खराब प्रदेश सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में कानून व्यवस्था खराब हुई है। एक वर्ष में 100 हत्याएं व 250 दुष्कर्म के मामले सामने हैं। प्रदेश में नशे का व्यापार बढ़ा है और सरकार इसे रोकने में पूरी तरह से असमर्थ साबित हुई है।

12. जनमंच ने बढ़ाया खर्च सरकार का जनमंच कार्यक्रम केवल मुख्यमंत्री व सरकार के मंत्रियों के स्वागत के लिए बनाया गया है। जनमंच में केवल खर्च ही सरकार का हो रहा है जबकि काम कुछ नहीं। जनमंच में छुट्टी के दौरान भी कर्मचारियों व अधिकारियों को इन कार्यक्रमों में बुलाया जा रहा है। जो लोग भी इस जनमंच में आ रहे हैं उनके काम भी नहीं हो रहे हैं।

13. न्यायालय भी कर रहा सरकार की खिंचाई प्रदेश में कानून व्यवस्था खराब है। कई मामलों में सरकार को एनजीटी सहित हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट को भी हस्तक्षेप करके आदेश लागू करने के लिए कहा जा रहा है। हालात यह हैं कि सरकार के प्रतिनिधियों को न्यायालय में इनका जवाब देने के लिए खड़ा होना पड़ रहा है।


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