सरकार बताए, किसके वाहन में चंडीगढ़ गई थीं वन मंत्री की पत्नी
श ही बल्कि प्रदेश को भी निजी हाथों में सौंपने का प्रयास भाजपा सरकारों द्वारा किया जा रहा है। इन्वेस्टर मीट व पर्यटन निगम के होटलों को निजी हाथों में सौंपे जाने के मामले इसका एक
जागरण संवाददाता, धर्मशाला : प्रदेश को सरकार निजी हाथ में सौंपने का प्रयास कर रही है। इन्वेस्टर मीट व पर्यटन निगम के होटलों को निजी हाथ में सौंपना इसका बड़ा उदाहरण है लेकिन हिमाचल फॉर सेल नहीं होने दिया जाएगा। कांग्रेस इसका विरोध करेगी। यह बात एआइसीसी की सचिव एवं प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य आशा कुमारी ने बुधवार को धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत में कही।
उन्होंने कहा, इन्वेस्टर मीट के बहाने बाहरी लोगों को उद्योग लगाने के लिए तरजीह दी जा रही है। कहा कि क्या प्रदेश के लोगों में इतनी काबिलियत नहीं है कि उन्हें मौका दिया जाए। देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है लेकिन फिर भी निजी हाथ में बड़ी योजनाओं को सौंपने की तैयारी केंद्र सरकार कर रही है। स्मार्ट सिटी में कोई भी सुविधा लोगों के लिए नहीं है। सरकार के भेदभाव का हाल यह है कि जिला कांगड़ा व चंबा से कई कार्यालयों को अन्य जगह शिफ्ट किया जा रहा है। भाजपा सरकार धर्मशाला को दूसरी राजधानी के दर्जे पर स्थिति स्पष्ट करे। आशा कुमारी ने वनमंत्री की पत्नी के चोरी हुए रुपयों पर भी सरकार से सवाल उठाया है। उनका कहना है कि सरकार यह बताए कि वह वाहन किसका था, जिसमें वनमंत्री की पत्नी चंडीगढ़ गई थीं। सरकार इस बात की जांच करवाए कि इतना पैसा कहां ले जाया जा रहा था। यह बड़ा मामला है और प्रदेश के लोग भी इसकी सच्चाई जानना चाहते हैं।