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Himachal Congress: अपनों को मनाने में देर नहीं चाहती कांग्रेस, दिग्गजों को सौंपी जिम्मेदारी

Himachal Congress हिमाचल प्रदेश कांग्रेस चार दिन बदली रणनीति के तहत काम करेगी। पार्टी ने प्रदेश के दिग्गज नेताओं को संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में टिकट के आवेदकों से बात करने का जिम्मा सौंपा है। यह वे हलके हैं जहां आवेदक अधिक हैं।

By JagranEdited By: Virender KumarPublished: Sat, 24 Sep 2022 07:07 AM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 07:47 AM (IST)
Himachal Congress: अपनों को मनाने में देर नहीं चाहती कांग्रेस, दिग्गजों को सौंपी जिम्मेदारी
Himachal Congress: अपनों को मनाने में देर नहीं चाहती कांग्रेस, दिग्गजों को जिम्मेदारी सौंपी। प्रतीकात्‍मक

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Congress, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस चार दिन बदली रणनीति के तहत काम करेगी। पार्टी ने प्रदेश के दिग्गज नेताओं को संबंधित विधानसभा क्षेत्रों में टिकट के आवेदकों से बात करने का जिम्मा सौंपा है। यह वे हलके हैं, जहां आवेदक अधिक हैं। इनमें शिमला शहर, ठियोग, चौपाल, कसौली आदि क्षेत्र हैं। हाईकमान को आशंका है कि इन सीटों पर अधिक विवाद हो सकता है, इसलिए पहले ही बगावत रोकने के लिए दिग्गजों को जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी प्रत्याशियों की सूची जारी करने के बाद किसी तरह की बगावत नहीं चाहती है।

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पार्टी सूत्र बताते हैं कि हाईकमान ने हिमाचल के बड़े नेताओं को यह काम सौंपा है कि कम से कम विवाद हो, इसलिए चार दिन भरसक प्रयास करें। हर पदाधिकारी से बात करें। पार्टी का मानना है कि चुनाव प्रचार के लिए मिलने वाला काफी समय अपनों को मनाने में निकल जाता है। इसका असर चुनाव परिणाम में दिखता है, इसलिए केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले ही सभी नेताओं को अपने समर्थकों से वार्ता कर रिपोर्ट हाईकमान को देनी होगी। टिकट न मिलने पर पार्टी विरोधी गतिविधियों की आशंका तो पूरी तरह खत्म करनी ही होगी, साथ ही असंतुष्ट पदाधिकारियों को प्रत्याशी के प्रचार के लिए भी तैयार करना होगा। असंतुष्ट पदाधिकारियों को मनाने का जिम्मा प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री आदि संभालेंगे।

फैसलों को बदलना सरकार की आदत : अनिरुद्ध सिंह

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव व कसुम्पटी के विधायक अनिरुद्ध सिंह ने कहा है कि जयराम सरकार अफसरशाही की सरकार है। सरकार का एक भी फैसला अपना नहीं बल्कि सभी फैसले अफसरशाही ही ले रही है। उन्होंने जयराम सरकार को अपने फैसले पलटने वाली सरकार करार दिया। साथ ही कहा कि यह सरकार सुबह फैसले लेती है और शाम को इनको बदलती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने कार्यकाल में करीब 200 नोटिफिकेशन बदल डाली हैं। चुनाव नजदीक आते ही भर्तियां निकाली जा रही हैं। जबकि चुनावी आचार संहिता लगने को कुछ ही दिन बाकी हैं। सरकार को अब युवाओं की याद आ रही है। सरकार ने झूठे वादे कर लोगों को गुमराह करने का काम किया है।

उन्होंने सरकार पर कसुम्पटी विधानसभा हलके से भेदभाव करने के भी आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पांच साल में सरकार ने उनके इलाके में कोई काम नहीं किया, उल्टे उनके शुरू किए कार्यों को लटकाने का काम किया गया। विधायक होने के नाते इस इलाके की 14 परियोजनाओं के प्रस्ताव तैयार किए, जिसमें 12 की मंजूरी खुद करवाई है। इन परियोजनाओं में सरकार का कोई हाथ नहीं है।


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