हिमाचल में मिलेगी डीएसए की सुविधा, सीएम जयराम ठाकुर आज जन्मदिन पर करेंगे शुभारंभ; पढ़ें खबर
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सोमवार को अपना जन्मदिन मनाएंगे। जयराम ठाकुर इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) से जन्मदिन की शुरुआत करेंगे।
शिमला, जेएनएन। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सोमवार को अपना जन्मदिन मनाएंगे। जयराम ठाकुर इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) से जन्मदिन की शुरुआत करेंगे। इस दौरान अस्पताल में स्थापित डीएसए मशीन का लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा प्रदेश भर के 12 दिव्यांगों को व्हील चेयर और कंबल बांटेंगे। इन दिव्यांगों को दो-दो कंबल और एक व्हीलचेयर प्रदान की जाएगी। दाड़लाघाट, विकासनगर, कुमारसैन, घुमारवीं, छोटा शिमला, मंडी, ठियोग, सोलन, चौपाल और हमीरपुर के दिव्यांगों को यह लाभ मिलेगा। इस दिन सीएम कैंसर अस्पताल के मरीजों का कुशलक्षेम भी पूछेंगे और जरूरतमंद मरीजों को कंबल वितरित करेंगे। अस्पताल के एमएस डॉ. जनकराज ने बताया अस्पताल में सोमवार को मुख्यमंत्री का आगमन होगा। इस दिन मरीजों की सुविधा के लिए डीएसए मशीन शुरू कर दी जाएगी।
क्या है डीएसए मशीन
अगर आपके शरीर के किसी अंग में नस दब गई है या सही से कार्य नहीं कर रही है तो आइजीएमसी में डीएसए (डिजिटल सबस्ट्रेक्शन एनजियोग्राफी) मशीन के जरिये जांच के साथ तत्काल इलाज मिलेगा। शरीर में खून सप्लाई करने वाली नसों में कई बार ब्लॉकेज से ट्यूमर बन जाता है। ऐसे में मरीज को हैवी डोज वाली दवाएं खानी पड़ती हैं। करीब 9 करोड़ से लगाई जा रही मशीन के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसे इंस्टॉल करने के लिए न्यू ओपीडी ब्लॉक में अलग से कमरा तैयार किया गया है।
मरीजों को बाहरी राज्यों के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर
आईजीएमसी में इस प्रकार की सुविधा पहली बार दी जाएगी। अभी तक नसों की ब्लॉकेज के ईलाज के लिए मरीजों को राज्य से बाहर के अस्पतालों का रूख करना पड़ता था। रूटीन चेकअप के लिए बार-बार अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते हैं। इस कारण मरीज के हजारो रुपये खर्च हो जाते हैं। इसमें ब्रेन से लेकर पैर तक की हर एक नस में सभी प्रकार के बीमारियों की जांच इस मशीन से की जाएगी। इसके अलावा मशीन में नसों की संरचना और इससे संबंधित अनुवांशिक बीमारियों की जांच होगी।
कैसे काम करेगी मशीन
शरीर में नसों की ब्लॉकेज को जानने के लिए पीडि़त व्यक्ति को मशीन पर लेटाया जाएगा। डिजिटल तरीके से शरीर के सभी अंगों में नसों की ब्लॉकेज जानी जाएगी। इसके बाद उस अंग पर विशेष तरीके से नसों से होने वाली खून की सप्लाई को नियमित किया जाएगा। अगर लीवर, किडनी में किसी प्रकार की ब्लॉकेज होगी तो सीधा नस पर दवाई डाल दी जाएगी, ताकि खून सही प्रकार से फ्लो हो सके।