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बर्फबारी के चलते चूड़धार यात्रा पर 5 महीने तक रोक, 13 अप्रेल को खुलेंगे मंदिर के कपाट

जिला सिरमौर शिमला सोलन सहित उत्तराखंड के प्रसिद्ध आराध्य देव शिरगुल महाराज की तपस्थली चूड़धार की यात्रा पर बर्फबारी के चलते 5 महीने के लिए रोक लगा दी है। चूड़ेश्वर सेवा समिति के स्टाफ को भी अवकाश पर भेज दिया गया है।

By Richa RanaEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 06:00 PM (IST)
बर्फबारी के चलते चूड़धार यात्रा पर 5 महीने तक रोक, 13 अप्रेल को खुलेंगे मंदिर के कपाट
चूड़धार की यात्रा पर बर्फबारी के चलते 5 महीने के लिए रोक लगा दी है।

नाहन, जागरण संवाददाता। जिला सिरमौर, शिमला, सोलन सहित उत्तराखंड के प्रसिद्ध आराध्य देव शिरगुल महाराज की तपस्थली चूड़धार की यात्रा पर बर्फबारी के चलते 5 महीने के लिए रोक लगा दी है। चूड़ेश्वर सेवा समिति के स्टाफ को भी अवकाश पर भेज दिया गया है। समिति का स्टाफ मई के प्रथम दिन चूड़धार वापस लौटेगा। उसके बाद वहां पर भंडारा शुरू होगा। यात्रा पर प्रषासन की और से करीब 5 महीने तक रोक लगा दी गई है।

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इन दिनों चूड़धार में मौसम खराब रहता है। दिसंबर से लेकर अप्रेल माह तक चूड़धार में 10 से 12 फीट बर्फ गिरती है। जिसके कारण चूड़धार जाने वाले सभी रास्ते बंद हो जाते है। समुंद्र तल से 11885 फुट की उंचाई पर स्थित प्रसिद्व धार्मिक स्थल चूड़धार। चूड़धार में भारी बर्फबारी होने के कारण प्रशासन की और से हर वर्ष 30 नंववर से यात्रा पर रोक लगा दी जाती है। मंदिर को हर वर्ष वेसाख की संक्राति तक बंद रखा जाता है। 13 अप्रेल से मंदिर में देवते की पूजा शुरू हो जाती है। उसके बाद देवते के दर्शन के लिए यात्री पहुंचने भी शुरू हो जाते हैं।

हालांकि मई माह तक चूड़धार में ठहरने व खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं होती है। चूड़धार में यात्रियों के ठहरने व खाने पाने की व्यवस्था चूड़ेश्वर सेवा समिति करती है। सेवा समिति के सदस्य 30 नवंबर के बाद के बाद करीब 6 महीने के अवकाश पर चले जाते है और मई में ही वापस लोटते हैं। समिति का कार्यालय मई माह में खुलता है। समिति के सदस्यो द्वारा श्रद्धालुओं के लिए रोजाना भंडारे की व्यवस्था की जाती है। मई के बाद जो श्रद्धालु चूड़धार पहुंचते है। उनके लिए ठहरने की व्यवस्था भी चूड़ेश्‍वर सेवा समिति की और से की जाती है। प्रशासनिक रोक के बावजुद भी बर्फबारी के दौरान कई बार श्रद्धालु चूड़धार यात्रा पर निकल जाते है। नतीजन कई श्रद्धालु बीच रास्ते में ही फंस जाते है। जिसके कारण पुलिस व प्रशासन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

 प्रशासन की अनुमति बिना न करे यात्रा

चूड़ेश्‍वर सेवा समिति के प्रबंधक बाबुराम शर्मा ने कहा कि इन दिनों चूड़धार में भारी बर्फबारी होती है। चूड़धार में मौसम भी अधिकतर दिनों खराब रहता है। बर्फबारी के कारण सारे रास्ते भी बंद हो जातें हैं। उन्होने श्रद्धालुओं से अपील की है कि मई माह तक वह प्रषासन की अनुमति के बिना चूड़धार यात्रा पर न आए। इन दिनों चूड़धार की यात्रा करना भारी जोखिमपूर्ण है। चूडे़श्‍वर सेवा समिति का पूरा स्टाफ अवकाश पर चला गया है। इसलिए चूड़धार में न तो ठहरने की व्यवस्था है और न ही खाने पीने की कोई सुविधा है।


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