कोरोना बन गया बेड़ी, रूठी धन लक्ष्मी, कोरोना महामारी के कारण चिंतपूर्णी मंदिर के चढ़ावे में आई कमी
Chintpurni Temple कोरोना महामारी का असर समाज के हर क्षेत्र में पड़ा है। इस महामारी के कारण मंदिरों के कपाट तक बंद करने पड़ गए हैं।
चिंतपूर्णी, जेएनएन। कोरोना महामारी का असर समाज के हर क्षेत्र में पड़ा है। इस महामारी के कारण मंदिरों के कपाट तक बंद करने पड़ गए हैं। श्रद्धालुओं के कदम चाहकर भी भगवान के घर की ओर नहीं बढ़ पा रहे हैं। यही कारण है कि मंदिरों में चढ़ावे की भारी कमी आई है। प्रदेश की सबसे अधिक आय वाले मां चिंतपूर्णी मंदिर की वित्तीय स्थिति भी कोरोना के कारण डगमगा गई है। मार्च से मंदिर के कपाट बंद हैं। मार्च से अगस्त तक सिर्फ पौने बारह लाख का ऑनलाइन चढ़ावा प्राप्त हुआ है।
इसी समय अवधि में पिछले साल श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में 140709247 रुपये का चढ़ावा अर्पित किया था। दस लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने मांग के दर्शन किए थे। इस बार मार्च के दूसरे पखवाड़े से मंदिर बंद है। चिंतपूर्णी में करोड़ों रुपये का कारोबार भी प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन के बाद दानपात्रों से मंदिर न्यास को कोई आय नहीं हुई, लेकिन पिछले साल इसी समय न्यास को सवा दो करोड़ रुपये की आय हो रही थी।
वर्ष 2016 से 2018 तक भी न्यास की आमदनी दो करोड़ मासिक के आसपास ही रही थी। पिछले वर्ष मार्च से अगस्त तक श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में दिल खोलकर सोने व चांदी के आभूषण भी अर्पित किए थे। साल, 2019 के इन महीनों में भक्तों ने 347 ग्राम सोना और एक क्विंटल, 17 किलो और 42 ग्राम चांदी के आभूषण मंदिर में चढ़ाए थे। मंदिर अधिकारी ओपी लखनपाल ने कहा महामारी के कारण न्यास की आय में कमी दर्ज हुई है।
पौने पांच लाख श्रद्धालुओं ने किए ऑनलाइन दर्शन
मंदिर न्यास के अधिकृत यू-ट्यूब चैनल पर पांच सितम्बर तक 4,77,138 भक्तों ने मातारानी की पावन ङ्क्षपडी के ऑनलाइन दर्शन किए हैं। न्यास के चैनल को 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु सबस्क्राइब भी कर चुके हैं।
पिछले साल का चढ़ावा
- मार्च,2,29,56,847
- अप्रैल,2,68,14,793
- मई,2,11,16,742
- जून,2,21,62,608
- जुलाई,2,07,63,224
- अगस्त,2,68,95,033