हिमाचल के राशन डिपो में घटिया आटे की सप्लाई, लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़; 11 सैंपल हुए फेल
Himachal Ration Depot उचित मूल्यों की दुकानों से इस साल पहली फरवरी से 31 जुलाई तक आटे के 239 सैंपल लिए गए।
शिमला, जेएनएन। उचित मूल्यों की दुकानों से इस साल पहली फरवरी से 31 जुलाई तक आटे के 239 सैंपल लिए गए। इसमें से 228 सैंपल पास हो गए और 11 फेल हुए। यह जानकारी खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजिंद्र गर्ग ने नालागढ़ के विधायक लखविंद्र सिंह राणा के सवाल के लिखित उत्तर में दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उचित मूल्य की दुकानों से आटे को 93.86 फीसद औसतन रूप से उपभोक्ताओं द्वारा खरीदा गया है और शेष बचे आटे की मात्रा को आगामी माह के लिए आवंटित आटे की मात्रा में समायोजित किया जाता है। फेल हुए 11 सैंपलों के संबंध में दोषियों से 1 लाख 9 हजार सिक्योरिटी राशि जब्त की गई। मंत्री के मुताबिक आटे की जगह गेहूं देने का सरकार का कोई विचार नहीं है।
डीएफओ ने बिना अनुमति के बदले 20 वन रक्षक
किन्नौर में डीएफओ ने सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर 20 वन रक्षकों के तबादले किए थे। अब इन तबादलों के आदेश उन्होंने वापस ले लिए हैं। कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी के सवाल के लिखित उत्तर में वन मंत्री राकेश पठानिया ने कहा कि 17 अगस्त को ये तबादले किए गए थे। पीसीसीएफ ने इनकी जांच की। जांच में पाया कि तबादलों के लिए सक्षम अधिकारी की अनुमति नहीं ली गई थी। इस कारण ये आदेश वापस ले लिए गए हैं। लेकिन इनमें टीए, डीए के तौर पर सरकार की कोई भी धनराशि खर्च नहीं हुई है।
बौने व्यक्तियों को दिव्यांग का दर्जा
प्रदेश सरकार ने बौने व्यक्तियों को 2016 के दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत दिव्यांग का दर्जा दिया गया है। 2011 की जनगणना के अनुसार इनकी संख्या का विवरण नहीं लिया गया, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने 31 बौने लोगों को दिव्यांगता के प्रमाणपत्र जारी किए हैं। यह जानकारी सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने विधायक अर्जुन ङ्क्षसह के सवाल के लिखित उत्तर में दी।