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पीएलआइ प्रकरण में सीबीआइ में केस दर्ज होने से हड़कंप, बड़े अधिकारियों से भी हो सकती है पूछताछ

CBI Registered Case in PLI Case कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के परिसर में स्थित उपडाकघर में कार्यरत कर्मचारी के खिलाफ सीबीआइ में मामला दर्ज होने से यहां हड़कंप मच गया है।

By Rajesh SharmaEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 11:48 AM (IST)Updated: Thu, 02 May 2019 05:06 PM (IST)
पीएलआइ प्रकरण में सीबीआइ में केस दर्ज होने से हड़कंप, बड़े अधिकारियों से भी हो सकती है पूछताछ
पीएलआइ प्रकरण में सीबीआइ में केस दर्ज होने से हड़कंप, बड़े अधिकारियों से भी हो सकती है पूछताछ

पालमपुर, जागरण संवाददाता। कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के परिसर में स्थित उपडाकघर में कार्यरत कर्मचारी के खिलाफ सीबीआइ में मामला दर्ज होने से यहां हड़कंप मच गया है। इस प्रकरण में डाक विभाग के कर्मचारियों के साथ कृषि विश्वविद्यालय के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों से भी सीबीआइ पूछताछ कर सकती है। करीब एक साल पुराने मामले में सीबीआइ ने हाल ही में मामला दर्ज किया है। मामले की पड़ताल के कारण अब सीबीआइ ने पालमपुर में दस्तक देनी है। ऐसे में विवि परिसर में इस बात को लेकर चर्चा रही कि अब मामले में डाक विभाग के साथ विवि के कुछ अधिकारी और कर्मचारी भी लपेटे में आ सकते हैं।

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उल्लेखनीय है कि विवि में डाक विभाग की शाखा में संस्थान के सैकड़ों कर्मचारियों का पीएलआइ (डाक जीवन बीमा योजना) के तहत लाखों रुपया जमा करवाया जाता है। इसे विवि के वित्त नियंत्रक कार्यालय के माध्यम से डाक विभाग की शाखा में सीधे तौर पर चेक के माध्यम से भेजा जाता है, मगर कुछ अरसे से यह राशि संबंधित कर्मचारियों के खाते में जमा नहीं हो पाई थी। इसका खुलासा तब हुआ था जब एक कर्मचारी की समयावधि पूरी होने के बाद उसका भुगतान होना था। लेकिन उसके खाते में वह धनराशि ही जमा नहीं थी। ऐसे में मामले ने तूल पकड़ा तो एक नहीं बल्कि अनेकों कर्मचारियों के खाते में पैसे नहीं जमा करवाने की बात सामने आई।

हालांकि डाक विभाग ने अपने स्तर पर मामले की जांच करते हुए संबंधित शाखा से एक कर्मचारी को सस्पेंड भी किया है। उसके बाद कुछ कर्मियों के खाते में राशि को व्यक्तिगत स्तर पर भी जमा करवाया गया मगर यह लेन-देन बहुत अधिक होने के कारण कई कर्मचारियों का पैसा वापस नहीं मिल पाया है। यही कारण रहा कि एक उच्चाधिकारी ने इस मामले की शिकायत करते हुए इसकी जांच के लिए आग्रह किया। इसके बाद यह मामला सीबीआइ के पास पहुंचा। बहरहाल अब इस मामले में विवि के कुछ अधिकारी और कर्मियों के खिलाफ भी जांच की सुई घूमेगी।

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