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Himachal By Election: चुनाव में शोर पर लगेगी लगाम, प्रचार में नहीं रख सकते 75 डेसिबल से अधिक ध्वनि स्तर, नहीं तो कार्रवाई

Himachal By Election हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव के लिए नामांकन के साथ ही प्रचार अभियान भी तेज हो गया है। इसके लिए जमकर लाउड स्पीकर का उपयोग होगा लेकिन भारतीय निर्वाचन आयोग ने इस पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है।

By Virender KumarEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 06:30 AM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 07:37 AM (IST)
Himachal By Election: चुनाव में शोर पर लगेगी लगाम, प्रचार में नहीं रख सकते 75 डेसिबल से अधिक ध्वनि स्तर, नहीं तो कार्रवाई
चुनाव प्रचार में 75 डेसिबल से अधिक ध्वनि स्तर नहीं रख सकते। जागरण आर्काइव

शिमला, यादवेन्‍द्र शर्मा। Himachal By Election, हिमाचल प्रदेश में उपचुनाव के लिए नामांकन के साथ ही प्रचार अभियान भी तेज हो गया है। इसके लिए जमकर लाउड स्पीकर का उपयोग होगा, लेकिन भारतीय निर्वाचन आयोग ने इस पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। आयोग के निर्देश अनुसार अधिकतम ध्वनि की सीमा 75 डेसिबल से अधिक नहीं हो सकती। इससे अधिक होने पर गाडिय़ों को जब्त करने के अलावा संबंधित प्रत्याशी के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसमें जुर्माने का भी प्रविधान है। लाउडस्पीकर से प्रचार के लिए संबंधित एसडीएम से अनुमति लेनी होगी। तीन से चार गाडिय़ों से प्रचार की अनुमति दी जाएगी।

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ध्वनि प्रदूषण के लिए निर्धारित मानकों के तहत आवासीय क्षेत्र मे दिन में इसका स्तर अधिकतम 55 डेसिबल हो सकता है, जबकि रात के समय अधिकतम ध्वनि सीमा दस डेसिबल कम 45 डेसिबल तक ही हो सकती है। वायु प्रदूषण व ध्वनि प्रदूषण न फैले इसके लिए भारतीय निर्वाचन आयोग ने व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं। रात दस बजे के बाद लाउडस्पीकर के उपयोग पर पूरी तरह से पाबंदी है। इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

एसडीएम व पुलिस करेगी कार्रवाई

ध्वनि प्रदूषण व वायु प्रदूषण को लेकर एसडीएम व पुलिस अधिकारी इसके लिए कार्यवाही करेंगे। लाउड स्पीकर से प्रचार करने के लिए अनुमति लेना आवश्यक है। बिना अनुमति के इसका उपयोग करने की स्थिति में गाडिय़ों को जब्त किया जाएगा।

ध्वनि प्रदूषण के लिए निर्धारित मानकों के तहत ध्वनि का स्तर दिन में 55 डेसिबल और रात को 45 डेसिबल से अधिक नहीं होना चाहिए। लाउडस्पीकर से प्रचार के लिए दस डेसिबल और 75 डेसिबल से अधिक नहीं हो सकता है। -अपूर्व देवगन, सदस्य सचिव राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।

सभी जिलों के उपायुक्तों और एसडीएम को ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण को रोकने के लिए नियमित निगरानी के निर्देश जारी किए गए हैं। -सी पालरासू, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, हिमाचल प्रदेश।


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