डिजिटल हस्ताक्षर के बहाने ठगी की चाल
साइबर ठग लोगों को आसानी से ठगी का शिकार बनाने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। इसी के चलते साइबर ठगों ने अब इसका एक और नया तरीका इजाद कर लिया है।
जेएनएन, जसूर (कांगड़ा)। साइबर ठग लोगों को आसानी से ठगी का शिकार बनाने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। इसी के चलते साइबर ठगों ने अब इसका एक और नया तरीका इजाद कर लिया है। साइबर ठगों द्वारा ई-मुद्रा के बहाने फोन के माध्यम से लोगों को डिजिटल हस्ताक्षर भेजने के लिए कहा जा रहा है, ताकि डिजिटल हस्ताक्षर पाकर वे आसानी से लोगों को उनके खातों में भारी भरकम चपत लगाकर जालसाजी का शिकार बना सकें।
इससे पहले एटीएम कार्ड का पिन कोड पूछकर, इनामी झांसे या लॉटरी का झांसा देकर ठगी का शिकार बनाने के कई मामले सामने आए। अब अधिकांश लोग इसके चलते सतर्क भी हो गए थे, लेकिन अब शातिर ठगों ने ई-मुद्रा के बहाने डिजिटल हस्ताक्षर प्राप्त कर ठगी करने का एक नया फार्मूला तैयार कर लिया है।
कुछ ऐसा ही वाकया जसूर निवासी राकेश कुमार के साथ तब हुआ जब वह कारोबारी परिसर में कार्य करे रहे थे। इसी दौरान उनका फोन बजा और एक औरत बोली 'हेलो मैं श्वेता ई-मुद्रा सरकारी वेबसाइट बेंगलुरु से बोल रही हूं। सरकार को आपके डिजिटल हस्ताक्षरों की आवश्यकता है। इसलिए आप डिजिटल हस्ताक्षर हमें भेजें।Ó पहले तो राकेश ने बात को टालते हुए उसे जवाब दिया कि 'बाबूजी दुकान पर नहीं हैं। आएंगे तो आपकी बात करवा दी जाएगी।Ó इस दौरान राकेश ने साथ लगते बैंक से इस बारे में जानकारी जुटाई कि क्या ऐसा हो रहा है, लेकिन ऐसा नहीं था। इसी के चलते बाद दोपहर एक बार फिर उसी महिला का फोन आ गया और फिर वहीं मांग दोहराई तो राकेश ने उसे खरी-खोटी सुनानी शुरू की। इस पर महिला ने फोन काट दिया। यदि उस महिला के झांसे में आकर डिजिटल हस्ताक्षर उसे दे दिए जाते तो फिर उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता था।
किसी भी उपभोक्ता को यदि कहीं से कोई एटीएम कार्ड के कोड, खाता नंबर या किसी अन्य प्रकार की कॉल आए तो इस के चलते कोई जानकारी उन्हें न दें बल्कि अपने बैंक में आकर इस बारे में जानकारी लें। डिजिटल हस्ताक्षर देने से भी लोग ठगी का शिकार हो सकते हैं। ऐसे लोगों के झांसे में आने से कोई भी ठगी का शिकार हो सकता है।
-पीके मिश्रा, वरिष्ठ प्रबंधक पंजाब नेशनल बैंक जसूर।
ऐसे ठग लोगों को इनाम, लॉटरी और एटीएम कार्ड का कोड पूछकर ठगी का शिकार बनाते हैं। ऐसे में इस प्रकार के झांसों से सचेत रहकर अपना बचाव करना चाहिए।
-साहिल अरोड़ा, डीएसपी नूरपुर।