बैजनाथ : फाइलों में अड्डा, बसें सड़क पर
मुनीश सूद पपरोला बैजनाथ में बनने वाले बस अड्डे का काम सोलह साल से खटाई में है।
मुनीश सूद, पपरोला
बैजनाथ में बनने वाले बस अड्डे का काम खटाई में है। शिलान्यास के 16 साल बाद भी इसकी योजना सरकारी फाइलों और कागजों में ही नजर आ रही है, जबकि धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। बैजनाथ में 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, परिवहन मंत्री जीएस बाली और तत्कालीन विधायक सुधीर शर्मा ने एचआरटीसी की वर्कशॉप में नए बस अड्डे की आधारशिला रखी थी और जल्द इसका निर्माण कार्य शुरू करने की घोषणा की थी। साथ ही ऐलान किया था कि यहां की वर्कशॉप को गत्ता फैक्ट्री के पास ले जाया जाएगा। कई बार मौके का निरीक्षण विभागीय अधिकारियों ने किया लेकिन 16 साल बीतने के बाद भी इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। बस अड्डे के लिए यह उपयुक्त और खुली जगह थी। इस कारण परिवहन विभाग ने यहां जमीन की निशानदेही करवा ली थी लेकिन शिलान्यास के कुछ समय बाद ही शिलान्यास पट्टिका गायब हो गई है। इसका आज दिन तक कोई पता ही नहीं चल पाया है। प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की सरकारें रही, लेकिन बस अड्डे के निर्माण की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। बैजनाथ का बस अड्डा काफी पुराना है और तंग जगह पर है। यहां से राज्यस्तरीय और अंतरराजीय रूट भी चलते हैं जबकि पंजाब, हरियाणा व दिल्ली की बसें भी यहां आती हैं। सरकार और प्राइवेट वोल्वो बसें भी दिल्ली के लिए यहां से चलती हैं लेकिन बस अड्डे की तंगी के कारण सभी बसें अड्डे तक नहीं पहुंच पाती है। मजबूरन सवारियों को बाहर सड़क पर ही चढ़ाना और उतारना पड़ता है। रात को बसें सड़क किनारे ही खड़ी रहती हैं। इस समय बैजनाथ डिपो के पास 104 बसों का बेड़ा है और यहां से गाड़ियां दिल्ली, अमृतसर, देहरादून, लुधियाना और हिमाचल के विभिन्न स्थानों के लिए जाती हैं। सौ से ऊपर निजी बसें भी बस अड्डे पर आती हैं। इस कारण यातायात जाम की स्थिति कई बार बनी रहती है। हालांकि काम चलाने के लिए बसों के आने-जाने के लिए दो रास्ते बनाए गए हैं, लेकिन फिर भी यातायात जाम की समस्या रहती है। उधर, बैजनाथ डिपो के आरएम गोपाल शर्मा ने बताया कि बस अड्डे के निर्माण के लिए औपचारिकता पूरी कर फाइल मंजूरी के लिए भेजी गई है। एफसीए में केस भेजा है और मंजूरी मिलने के बाद ही काम शुरू होगा।
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वर्कशॉप की हालत काफी खस्ता है और इसका आधा हिस्सा पहले ही गिर चुका है। कई बार बस अड्डे में यातायात जाम की स्थिति होती है। सुबह-शाम यह समस्या गंभीर हो जाती है।
-दामिनी। समय के साथ-साथ बैजनाथ और पपरोला दोनों कस्बे बहुत विकसित हो रहे हैं। समय की जरूरत के साथ बस अड्डे का निर्माण जरूरी है।
-सुंदर लाल। पुराना बस अड्डा बहुत ही तंग है। सरकार को प्राथमिकता पर नए बस अड्डे का निर्माण करना चाहिए।
-डॉक्टर कैलाश बैजनाथ का बस अड्डा बहुत ही छोटा है। सरकार को जल्द नए बस अड्डे का निर्माण करना चाहिए, तभी यहां गाड़ियों की भीड़ कम होगी।
-डॉक्टर अश्वनी