मंडी में कल गूंजेगा चुनावी रणसिंघा,भाजयुमो युवा विजय संकल्प रैली में प्रधानमंत्री मोदी को भेेंट करेगा रणसिंघा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 सितंबर को छोटी काशी (मंडी) के पड्डल मैदान से रणसिंघा से हिमाचल विधानसभा चुनाव का आगाज करेंगे। प्रधानमंत्री यहां भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की युवा विजय संकल्प रैली को संबोधित करेंगे।रणसिंघा एक पारंपरिक वायु वाद्ययंत्र है।
हंसराज सैनी, मंडी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 सितंबर को छोटी काशी (मंडी) के पड्डल मैदान से रणसिंघा से हिमाचल विधानसभा चुनाव का आगाज करेंगे। प्रधानमंत्री यहां भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की युवा विजय संकल्प रैली को संबोधित करेंगे। भाजयुमो प्रधानमंत्री रणसिंघा भेंट करेगा। रणसिंघा एक पारंपरिक वायु वाद्ययंत्र है। वर्तमान इसका प्रयोग सामाजिक व धार्मिक समारोह के शुभारंभ पर होता है। देवी-देवताओं का मुख्य वाद्ययंत्र है। रियासतकाल में इसका प्रयोग युद्ध की शुरूआत के लिए किया जाता था। चुनाव भी राजनीतिक दलों के लिए किसी युद्ध से कम नहीं होता है।
प्रदेश विधानसभा के चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। देश के प्रधानसेवक छोटी काशी आ रहे हैं। भाजपा ने उन्हीं से चुनावी नाद कराने का निर्णय लिया है। इससे पहले 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री मंडी आए थे तो उन्हें करीब सात फीट ऊंचा 25 किलो का त्रिशूल भेंट किया था। भाजपा के चुनाव प्रचार में पीएम व सीएम का त्रिशूल वाला फोटो जगह-जगह नजर आ रहा है। रणसिंघा के अलावा पीएम मोदी को चंबा थाल व ताम्रपत्र पर उकेरी हिमाचली नाटी का चित्र भी भेंट किया जाएगा। प्रधानमंत्री जब भी हिमाचल में चुनाव के प्रचार के लिए आए हैं, यहां की जनता ने उन्हें निराश नहीं किया है। 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने चारों सीटें मांगी थी। जनता ने उनकी झोली में चारों सीटें डाली थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने के लिए जनता से समर्थन मांगा था। लोगों ने उनकी हां में हां मिलाई थी। इस बार मोदी छोटी काशी से क्या नारा देंगे इस पर सबकी नजर रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल में जब भी चुनाव की रणभेरी की है तो यहां की जनता ने उन्हें निराश नहीं किया है।
रणसिंघा बनाने में लगते हैं 12 दिन
रणसिंघा बनाने में कुशल कारीगर को 10 से 12 दिन का समय लगता है। एक जोड़ी बनाने में पांच से छह किलो पीतल का प्रयोग होता है। यह छिद्र वाली दो मुड़ी हुई पीतल की नलियों से बनता है। कीप के आकार का मुख होता है। लंबवत स्थिति में पकड़कर बजाया जाता है।
चंबा थाल
चंबा थाल पीतल से बना होता है। इस पर हाथों से कलाकृतियां उकेरी जाती हैं। ये तीन आकार व वजन में उपलब्ध है। सबसे छोटा 11 इंच तथा वजन 400 ग्राम तक होता है। मध्यम थाल 15 इंच व करीब 800 ग्राम का होता है। बड़ा थाल 23 इंच व पौने दो किलो तक का होता है। छोटे थाल की कीमत करीब 1400 रुपये, मध्यम आकार की कीमत 2000 रुपये व बड़े थाल की कीमत करीब 3000 रुपये तक होती है।