दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर शांता कुमार ने साधा सरकार पर निशाना, छह ट्वीट कर उठाई यह मांग
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने देश में हो रही दुष्कर्म की घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सरकार पर भी निशाना साधा है।
धर्मशाला, जेएनएन। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने देश में हो रही दुष्कर्म की घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सरकार पर भी निशाना साधा है। शांता कुमार ने एक के बाद एक छह ट्वीट कर ऐसे मामलों पर सरकार काे आड़े हाथों लिया है। शांता कुमार ने लिखा है कुछ वर्ष पहले दिल्ली में निर्भया कांड उसके बाद लगातार दुष्कर्म के समाचार फिर हिमाचल के कोटखाई में और अब हैदराबाद में एक महिला डॉक्टर से शर्मनाक दरिंदगी। इन सब नवीन घटनाओं से एक मनुष्य के तौर पर मेरा मन ही नहीं आत्मा भी कांप रही है।
शांता ने लिखा है एक भारतीय के तौर पर मेरा सिर शर्म से झुक जाता है और एक परिवारिक होने के कारण मैं भयभीत हो जाता हूं। कभी किसी ने सोचा नहीं था कि आजादी के 70 साल बाद हमें इतना अधिक लज्जित होना पड़ेगा। शांता कुमार ने अगले ट्वीट में लिखा कि दिल्ली के निर्भया कांड के अपराधियों को फांसी की सजा हो गई थी, लेकिन सरकारी गोरखधंधे के कारण सात साल से फांसी नहीं दी जा रही।
पूरे देश में दुष्कर्म के मामले दोगुने हो गए, लेकिन केवल 25 प्रतिशत में ही सजा होती है। हिमाचल प्रदेश के कोटखाई में हुए दुष्कर्म हत्या मामले ने प्रदेश के इतिहास में पहली बार गुस्से से भरी भीड़ ने पुलिस थाने को आग लगाई। डीआइजी तक पुलिस के सात अधिकारी लंबे समय तक जेल में रहे। सीबीआइ जांच करती रही। लेकिन शर्मनाक दरिंदगी करने वाले अपराधी आज तक नहीं पकड़े गए।
हैदराबाद की घटना के बाद सारा देश सड़क पर चिल्ला रहा है, आंसू बहा रहा है। इतने दिन हो गए सरकार अभी तक चुप है, मुझे इसकी भी हैरानी हो रही है। सारी स्थिति बहुत गंभीर हो गई है। लोगों का विश्वास उखड़ रहा है। सरकार अतिशीघ्र यह कार्रवाई करे। कानून बदले और दुष्कर्म सिद्ध होने पर फांसी और केवल फांसी की ही सजा हो। तीन माह में अपराधियों को सूली पर चढ़ाया जाए। फांसी देने की कार्रवाई की वीडियो रिकाॅर्डिंग हो और उसे टीवी पर दिखाया जाए। योग और नैतिक शिक्षा को सबसे अनिवार्य विषय बनाकर शिक्षा में जोड़ा जाए।