बिलासपुर की आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी 'बीमार'
स्वास्थ्य खंड नगरोटा सुरियां के तहत पड़ते ग्राम पंचायत बिलासपुर की आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी खुद कच्चे मकान में चल रही है। डिस्पेंसरी एक स्लेटपोश कमरे में स्थापित की गई है, जिसकी हालत भी ऐसी है कि भवन कभी भी गिर सकता है।
संवाद सूत्र, बिलासपुर (गुलेर) : स्वास्थ्य खंड नगरोटा सूरियां के तहत पड़ती ग्राम पंचायत बिलासपुर की आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी कच्चे भवन में चल रही है। डिस्पेंसरी एक स्लेटपोश कमरे में स्थापित की गई है, जिसकी हालत ऐसी है कि यह कभी भी गिर सकता है। यहां तैनात न तो डॉक्टर सुरक्षित हैं और न ही इलाज करवाने आने वाले मरीज। डॉक्टर भी सुबह आते हैं और डर के मारे दिनभर भवन के बाहर बैठकर ड्यूटी करके चले जाते हैं।
भवन की स्थिति यह है कि बेसहारा पशु रोज सुबह डिस्पेंसरी के बरामदे में बैठते हैं और गंदगी फैलाते हैं। डिस्पेंसरी में चतुर्थ श्रेणी कर्मी या सफाई कर्मी तैनात न होने के चलते डॉक्टर खुद सुबह पहले यहां साफ-सफाई करने के लिए मजबूर हैं। डिस्पेंसरी में एक आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट और एक एएनएम का पद स्वीकृत है, लेकिन दोनों पद रिक्त चल रहे हैं।
वहीं, आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. वर्षा शर्मा का कहना है कि विभाग ने सहमति दे दी है। इसके साथ ही कहा कि डिस्पेंसरी के लिए स्थान चिह्नित किया जाए, ताकि नए भवन का निर्माण किया जा सके, या फिर किराये पर सुरक्षित भवन तलाश किया जाए।