योजनाओं का लाभ न मिलने पर लौटाए आधार कार्ड
villagers back aadhar card government, मजदूरी कर परिवार का गुजारा करने वाले बीड़ गुनेहड़ गांव के कुछ परिवारों से सरकारी नीतियों से तंग आकर मुख्यमंत्री को अपने आधार कार्ड लौटा दिए हैं।
जेएनएन, पालमपुर। पत्थर तोड़कर जीवन यापन करने वाले बैजनाथ हलके के बीड़ गुनेहड़ गांव के भूमिहीन परिवारों ने सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने पर मुख्यमंत्री को आधार कार्ड लौटाकर रोष प्रकट किया है। मुख्य डाकघर पालमपुर के माध्यम से चार परिवारों के 15 आधार कार्ड मुख्यमंत्री को भेजने के बाद समाजसेवी संजय शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पत्थर तोड़ने वाले इन परिवारों को सरकार ने आधार कार्ड, राशन कार्ड व अन्य प्रमाणपत्र जारी किए हैं लेकिन जब योजनाओं का लाभ लेने की बारी आती है तो इन्हें पुराने प्रमाणपत्र दिखाने के लिए कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के भूमिहीन लोगों से अन्य राज्यों के बाशिंदों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। पहाड़ी इलाकों में उधार की भूमि पर बसे लोगों को सरकार मकान व जमीन तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही है। बकौल संजय शर्मा, हालांकि भूपेंद्र हजारिका को मिले भारत रत्न को भी उनके बेटे ने लेने से मना किया तो सरकार ने 1947 के बाद भारत आए लोगों को नागरिकता प्रदान की मगर इन्हें सुविधाएं नहीं दी गई। कहा कि प्रदेश के स्थायी निवासी होने के बावजूद इन्हें मकान व भूमि सरकार मुहैया नहीं करवा पाई है और ये इनके मौलिक अधिकारों का हनन है।
उन्होंने बताया कि बीड़ गुनेहड़ के कुछ लोगों ने पिछले दिनों धर्मशाला में प्रेस वार्ता की तो पंचायत ने कुछ लोगों को यह कहकर समन जारी कर दिए कि ये मंडी जिला के तहत हैं। यही कारण है कि उक्त परिवारों को बार-बार तंग किया जा रहा है। इस मौके पर पीड़ित परिवारों ने कहा कि आधार कार्ड, राशनकार्ड व पंचायत में नाम दर्ज होने के बावजूद उनके साथ बाहरी लोगों जैसा व्यवहार किया जा रहा है।