सीएसआइआर तैयार कर रहा बांस की टाइलें, जल्द होंगी उपलब्ध
bamboo tiles prepare सीएसआईआर संस्थान हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) पालमपुर बांस की टाइलें तैयार कर रहे हैं।
पालमपुर, जेएनएन। सीएसआइआर के दो संस्थानों हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आइएचबीटी) पालमपुर व प्रगत पदार्थ पक्रम अनुसंधान संस्थान (एंपरी) भोपाल की ओर से संयुक्त रूप से, बांस आधारित प्रौद्योगिकी, विषय पर कार्यशाला का आयोजन आइएचबीटी में किया। इसमें एंपरी भोपाल के निदेशक अविनाश कुमार श्रीवास्तव ने बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया। वहीं, उनकी टीम ने आइएचबीटी के साथ बांस पर शोध करने को लेकर चर्चा की गई।
हिमालय जैवसंपदा संस्थान पालमपुर के निदेशक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि आइएचबीटी संस्थान सामाजिक, औद्योगिक और पर्यावरण के क्षेत्र में हिमालय जैवसंपदा के सतत उपयोग के माध्यम से जैव आर्थिकी के विकास में प्रौद्योगिकियों को विकसित करने की दिशा में अग्रसर है। संस्थान बांस से समृद्धि के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है। बहुउपयोगी बांस का मूल्यवर्धन करके बांस चारकोल, वंशलोचल, बांस के खाद्य पदार्थ आदि तैयार करने में सफलता पाई है। महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए खाद्य पदार्थों के निर्माण पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
वर्तमान में संस्थान ने बांस के सेलुलोज एवं फाइबर से कपड़े और लिग्निन से इथनोल बनाने की दिशा में शोध कार्य शुरू किया है। इस शोध से कपड़ा एवं रिफाइनरी के क्षेत्र में एक क्रांति आ सकती है। मुख्य अतिथि सीएसआईआर के एंपरी संस्थान भोपाल के निदेशक डॉ. अवनीश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार ने 2018 को राष्ट्रीय बांस मिशन के रूप में शुरुआत की है।
भारत में 15.96 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में बांस भरे हुए है, वहीं 136 बांस प्रजातियां उपलब्ध हैं। एंपरी भोपाल एक वर्ष के भीतर बांस की टाइलों और पैनल को तैयार करके बाजार में उतार देगी। कार्यशाला में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान सलियाना तथा आइटीआइ पालमपुर के 60 छात्रों सहित अध्यापकों और होशियारपुर, मलेरकोटला, लुधियाना के उद्यमियों ने भाग लिया।