बास्केटबॉल में अंतरराष्ट्रीय सुविधाओं से कोसों दूर है हिमाचल
बास्केटबॉल में अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं देने हिमाचल को अभी वक्त लगेगा।
कांगड़ा, नीरज व्यास। बास्केटबॉल में अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं देने के लिए हिमाचल प्रदेश अभी कोसों दूर है। इस स्तर की सुविधाएं जुटाने में हिमाचल को अभी वक्त लगेगा। लेकिन क्षमताओं व खिलाड़ियों के टेलेंट की बात की जाए तो हिमाचल के खिलाड़ी दमखम दिखा रहे हैं। प्रदेश बास्केटबॉल संघ की मेहनत व जुनून ही है कि जिला कागड़ा में राष्ट्रीय सब जूनियर नेशनल की मेजबानी हिमाचल प्रदेश को मिली है।
बालक व बालिका वर्ग की 48 टीमों के अधिकारियों व खिलाड़ियों को मिलाकर कुल 750 से अधिक खिलाड़ी यहा पर पहुंचे हैं। इनके रहने, खाने पीने व प्रतियोगिता आयोजित करना हिमाचल के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, लेकिन फिर भी यहा पर खिलाड़ियों को जरूरत व सुविधा मुताबिक हर जरूरत पूरी हो रही है। यहा बास्केटबॉल स्पर्धा के लिए तीन कोट बनाए गए हैं। लेकिन ये सभी कोट सीमेंट व कंकरीट के बने हैं। जबकि अंतरराष्ट्रीय मानक व मापदंड के मुताबिक बास्केटबॉल इंडोर में बुडन फ्लोर पर होता है। खिलाड़ी व कोच कंकरीट व सीमेंट के कोट को खिलाड़ियों के लिए घातक व खतरनाक मानते हैं। कई पास इसमें फिसलकर खिलाड़ी चोटिल हो जाते हैं। भारतीय बास्केटबॉल संघ के उपाध्यक्ष, चयन कमेटी के अध्यक्ष तथा हिमाचल प्रदेश बास्केटबॉल संघ के महासचिव अजय सूद ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में अभी तक अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं नहीं हैं। लेकिन इस दिशा में प्रयास हो गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यहा पर इंडोर स्टेडियम की घोषणा की है, आने वाले समय में यहा पर इंडोर स्टेडियम बनकर तैयार होगा।
चंडीगढ़, पंजाब, तमिलनाडु, हरियाणा व दिल्ली के पास अपने बुडन के कोट हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इंडोर बुडन फ्लोर पर ही मैच होते हैं। इससे खिलाड़ियों के घायल होने व गंभीर घायल होने की आशंका कम हो जाती है। सरकार को चाहिए तो स्कूलों में जो ट्रेंड कोच हैं, उनसे वही काम लें जो उनका है। अगर कोच अन्य कायरें में उलझे रहेंगे तो खिलाड़ियों को वक्त नहीं दे सकेंगे। बेंगलूरू में जल्द स्थापित होगी अकादमी भारतीय बास्केटबॉल संघ जल्द ही बेंगलूरू में पहली अंडर-16 अकादमी शुरू करने जा रहा है। इसमें 48 लड़कों व 48 लड़कियों के लिए व्यवस्था होगी। इनके स्कूल का खर्च, किट व अन्य खर्च संघ उठाएगा। इसके अलावा खेलो इंडिया साइन के साथ भी एमओयू हुआ है। इसके तहत जितने भी कैंप लगेंगे, इसी अकादमी में मिलेंगे, जिससे नए खिलाड़ी भी मिलेंगे और खिलाड़ियों को काफी कुछ सीखने को मिलेगा। -अजय सूद, अध्यक्ष चयन कमेटी व उपाध्यक्ष भारतीय बास्केटबॉल संघ