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छात्रवृत्ति का होगा आडिट स्कूल-कालेज पहुंचेगी टीम

हिमाचल में 256 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति गड़बड़झाले के बाद छात्रवृत्ति का आडिट करवाया जाएगा। आडिट भारतीय लेखा परीक्षा व लेखा विभाग करेगा। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद इस पर काम शुरू हो गया है। प्रधान महालेखाकार कार्यालय की ओर से उच्चतर शिक्षा विभाग को पत्र भेजा गया है।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Sat, 20 Nov 2021 10:15 PM (IST)Updated: Sat, 20 Nov 2021 10:15 PM (IST)
छात्रवृत्ति का होगा आडिट स्कूल-कालेज पहुंचेगी टीम। जागरण आर्काइव

शिमला, जागरण संवाददाता। हिमाचल में 256 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति गड़बड़झाले के बाद छात्रवृत्ति का आडिट करवाया जाएगा। आडिट भारतीय लेखा परीक्षा व लेखा विभाग करेगा। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद इस पर काम शुरू हो गया है। शिमला स्थित प्रधान महालेखाकार कार्यालय की ओर से इस संबंध में उच्चतर शिक्षा विभाग को एक पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि आडिट के लिए महालेखाकार कार्यालय की टीमें स्कूल और कालेज में पहुंचेगी।

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स्कूल-कालेजों के प्रधानाचार्य और प्रशासनिक अधिकारियों को छात्रवृत्ति से जुड़ा पूरा रिकार्ड तैयार रखने का निर्देश दें, ताकि आडिट में किसी भी तरह की खामी न रहें। आडिट टीमें स्कूल व कालेजों की रैंडम चैकिंग करेंगी। प्रदेश के कुल 177 स्कूलों व कालेजों में जांच की जाएगी। केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली हर तरह की छात्रवृत्ति (प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और एससी, एसटी व अल्प संख्यक समुदाय) का आडिट होगा। उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली छात्रवृत्ति का आडिट होगा। संस्थानों को छात्रवृत्ति का पूरा रिकार्ड तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं।

विद्यार्थियों से पूछा जाएगा छात्रवृत्ति मिली या नहीं

आडिट टीमें स्कूल और कालेज जाकर लाभार्थियों से सवाल भी करेंगी। विद्यार्थियों से पूछा जाएगा कि उन्हें छात्रवृत्ति मिली या नहीं। छात्रवृत्ति के लिए उन्होंने कब आवेदन किया था। राशि बैंक में आई या कैश दिया गया। यह आडिट मौजूदा शैक्षणिक सत्र यानी 2021-22 का होगा। पुराने रिकार्ड को भी टीम चेक कर सकती है।

फर्जीवाड़ा रोकने के लिए लिया निर्णय

प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक के अलावा अल्प संख्यक समुदाय से संबंध रखने वाले विद्यार्थियों को केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से कई तरह की छात्रवृत्ति दी जाती है। पूर्व में इसमें बड़े स्तर पर घोटाला हुआ था। केंद्र सरकार ने इसके बाद नियमों में बदलाव किया था। सभी शिक्षण संस्थानों का थर्ड पार्टी असेसमेंट करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षण संस्थानों का सालाना सोशल आडिट भी करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा शिक्षण संस्थानों को खुद भी हर छह माह बाद सेल्फ आडिट करने के निर्देश दिए हैं। आडिट के दौरान विद्यार्थियों की पात्रता, जाति, आधार नंबर की जांच और बैंक खातों की गहनता से जांच की जाएगी। संस्थानों ने छात्रवृत्ति के लिए विद्यार्थियों का डाटा बेस भी तैयार किया है या नहीं इसे भी देखा जाएगा। केंद्र सरकार ने हर ब्लाक स्तर पर 10 फीसद विद्यार्थियों का सत्यापन करने के भी निर्देश दिए हैं।


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