अनिता ने एक साल में दस पदक जीत नूरपुर का नाम किया रोशन
कांगड़ा के नूरपुर की बिना सुविधाओं के एक साल में मिक्स मार्शल आर्ट में दस पदक जीत कर नूरपुर क्षेत्र का नाम प्रदेश भर में रोशन किया है।
प्रदीप शर्मा, नूरपुर। नूरपुर विकास खंड के तहत ठेहड़ पंचायत के छोटे से गांव कूट्ट की अनिता ने बिना आधारभूत सुविधाओं के एक साल में मिक्स मार्शल आर्ट में दस पदक जीत कर नूरपुर क्षेत्र का नाम प्रदेश भर में रोशन किया है। अनिता इस समय राजकीय आर्य डिग्री कॉलेज नूरपुर में बीए तृतीय सेमेस्टर की छात्रा है। कूट्ट गांव के मेहर सिंह की बेटी अनिता का रोचक सफर मिट्टी के अखाड़े से लेकर लोहे के रिंग तक पहुंच गया है।
19 वर्षीय अनीता हिमाचल की इकलौती मिक्स मार्शल आर्ट महिला खिलाड़ी है जो इस खतरनाक खेल को खेलते हुुए दिन प्रतिदिन नई उपलब्धियां कायम करती जा रही है। अनीता जुडो बॉक्सिंग रैसलिंग की माहिर खिलाड़ी है, वह कई राज्य स्तरीय और नेशनल प्रतियोगिताओं में मेडल जीतकर प्रदेश और क्षेत्र का नाम रोशन कर चुकी है। अनिता ने एक साल में 3 गोल्ड 1 सिल्वर 6 कांस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। अनीता का बैटम भार वर्ग ( 52 से 60 किलोग्राम भार वर्ग) में विश्व चैंपियन बनने का सपना है उसके लिए वह दिन रात
अपनी ट्रेनिंग पर ध्यान दे रही है ।
अनिता का मानना है हिमाचल की बेटियां कुछ भी कर सकती है बस उसको मौका मिलने की देर है। अनिता जल्द ही अपनी इंटरनेशनल चैंपियनशिप खेलने वाली है और अनिता एमटीवी सुपर फाइट लीग सीजन 3 में फाइट करते हुए नजर आएगी इन सब का श्रेय वह अपने घर वालों को देती है जिन्होंने उसकी परविश एक बेटी की तरह न होकर बेटे की तरह की और जिंदगी में आगे बढ़ने का मौका दिया। खेलों के कारण आत्मविश्वास बढ़ा ओर कुछ करने का जुनून पैदा हो गया।
अनिता को मैरीकॉम व सुल्तान फिल्में देखने के बाद चैंपियन बनने की प्रेरणा मिली व अमित राणा के रूप में उसे एक होनहार कोच मिल गए। अमित राणा से प्राप्त शानदार प्रशिक्षण का ही यह परिणाम है कि आज अनिता मिक्स मार्शल आर्ट में मात्र एक ही साल में दस पदक जीत चुकी है। अनिता को सरकार की तरफ से सम्मानित तो किया गया है लेकिन अभी तक सरकार अनीता सहित अन्य खिलाडियों को प्रशिक्षण हासिल करने के लिए आधारभूत सुविधाएं नहीं मुहैया करवा सकी है।
हालांकि नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया ने अपनी तरफ से अनिता को 51 हजार रुपये की राशि भेंट कर उसे प्रोत्साहित किया। अनिता कहती हैं कि उन्हें सरकार से आर्थिक सहायता की इतनी जरूरत नहीं है जितनी ज्यादा जरूरत जरूरी सामान व बॉक्सिंग रिंग की है। सरकार से बस यही अनुरोध है कि नूरपुर में एक बॉक्सिंग
रिंग की स्थापना की जाए जहां पर नूरपुर क्षेत्र का हर लड़का-लड़की आकर ट्रेनिंग ले सकें और अपने समय का सही उपयोग करके नशे जैसी कुरीतियों से बच सके और लड़कियो मैं आत्मविश्वास और आत्मरक्षा की भावना आ सके कि वह भी जिंदगी में कुछ कर सकती हैं