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कुल्लू दशहरा में बुलाए जाएंगे सभी देवी-देवता

अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया जाएगा लेकिन उन्हें नजराना नहीं दिया जाएगा। उत्सव 15 से 21 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। इस दौरान कोविड प्रोटोकाल का ख्याल रखना पड़ेगा। शिमला में सोमवार को इस संबंध में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक हुई।

By Neeraj Kumar AzadEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 09:25 PM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 09:25 PM (IST)
शिमला स्थित सचिवालय में कुल्लू दशहरा उत्सव के संबंध में बैठक करते मुख्यमंत्री। जागरण

शिमला, राज्य ब्यूरो। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया जाएगा, लेकिन उन्हें नजराना नहीं दिया जाएगा। उत्सव 15 से 21 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। इस दौरान कोविड प्रोटोकाल का ख्याल रखना पड़ेगा। शिमला में सोमवार को इस संबंध में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक हुई। उन्होंने सभी तरह तैयारियां समयबद्ध तरीके से पूरी करने का निर्देश दिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि उत्सव में सभी देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया जाएगा। उत्सव के दौरान धार्मिक अनुष्ठान परंपरागत ढंग से आयोजित होंगे। लेकिन, सांस्कृतिक और व्यावसायिक गतिविधियां नहीं होंगी। उत्सव के दौरान उचित सुरक्षा व्यवस्था व विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी ने संपूर्ण विश्व को प्रभावित किया है। इसने मेलों, त्योहारों और अन्य आयोजनों को भी प्रभावित किया है। उत्सव का शुभारम्भ राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर करेंगे, जबकि समापन पर मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि होंगे। भाषा एवं संस्कृति विभाग मेले के आयोजन के लिए 10 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि जिला प्रशासन कुल्लू को प्रदान करेगा। इस दौरान शिक्षा, भाषा, कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद ठाकुर ने उत्सव के आयोजन संबंधी जिलास्तरीय समिति और जिला कारदार संघ के साथ आयोजित बैठकों की जानकारी दी।

बैठक में ये रहे मौजूद

विधायक सुरेंद्र शौरी, एचपीएमसी के उपाध्यक्ष राम ङ्क्षसह, पूर्व सांसद महेश्वर ङ्क्षसह, महासचिव कारदार संघ नारायण चौहान, मुख्य सचिव राम सुभाग ङ्क्षसह, अतिरिक्त मुख्य सचिव भाषा, कला एवं संस्कृति आरडी धीमान, उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग, पुलिस अधीक्षक कुल्लू गुरूदेव शर्मा, निदेशक भाषा एवं संस्कृति डा. पंकज ललित समेत कई अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।

मान रखने के लिए बुलाए जा रहे देवी-देवता

बैठक में तय हुआ कि देवी-देवताओं का मान रखने के लिए उन्हें उत्सव में आमंत्रित किया जाएगा, लेकिन जब दुकानें नहीं लगेगी तो आय भी नहीं होगी। इस कारण नजराना नहीं दिया जाएगा। पूर्व सांसद महेश्वर ङ्क्षसह ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि देवताओं के लिए टैंट की व्यवस्था पहले की तरह रहेगी। कोविड के कारण दुकानें नहीं सजेगी।


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