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ज्वालामुखी भाजपा में फिर सुलगी विरोध की चिंगारी, शहरी भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति पर छिड़ा विवाद, पढ़ें खबर

Himachal Pradesh BJP पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के चलते जिला देहरा भाजपा के प्रस्ताव के बाद लगभग एक साल तक निष्काषित रहे ज्वालामुखी भाजपा मंडल तथा जिला संगठन में एक बार फिर तनातनी शुरू हो गई है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 07:15 AM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 08:47 AM (IST)
ज्वालामुखी भाजपा मंडल तथा जिला संगठन में एक बार फिर तनातनी शुरू हो गई है।

ज्वालामुखी, प्रवीण कुमार शर्मा। पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोपों के चलते जिला देहरा भाजपा के प्रस्ताव के बाद लगभग एक साल तक निष्काषित रहे ज्वालामुखी भाजपा मंडल तथा जिला संगठन में एक बार फिर तनातनी शुरू हो गई है। विवाद का कारण मंडल ज्वालामुखी की ओर से शहरी भाजपा के पूर्व अध्यक्ष मास्टर रामस्वरूप को पुनः शहरी भाजपा के पद पर नियुक्ति देना है। जिला भाजपा ने इस नियुक्ति को पूर्णतया असंवैधानिक करार देते हुए पार्टी संविधान में इस तरह का कोई सांगठनिक पद नहीं होने की बात कही है, जबकि मंडल का कहना है कि विधायक रमेश धवाला की अनुशंसा के बाद यह नियुक्ति की गई है।

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नियुक्ति के कारण मंडल भाजपा तथा जिला भाजपा आमने सामने आ गए हैं। जिला भाजपा ने तो इतना कहा है कि रामस्वरूप की नियुक्ति को मंडल ने वापस नहीं लिया तो प्रदेश नेतृत्व से मंडल को भंग करने की सिफारिश करेंगे। इस विवाद के कारण एक बार फिर से ज्वालामुखी भाजपा का युद्ध सड़क पर आने की संभावनायें बन गई हैं। जिला संगठन किसी भी सूरत में रामस्वरूप की नियुक्ति को मानने को राजी नहीं है, जबकि मंडल विधायक के निर्देश को मझदार में छोड़कर उनके निशाने पर आने को तैयार नहीं है।

जानिए पूरा मामला

एक साल पहले ज्वालामुखी से भाजपा विधायक व राज्य योजना आयोग रमेश धवाला व प्रदेश भाजपा संगठन मंत्री पवन राणा के बीच जिला तथा मंडल स्तर पर नियुक्तियों को लेकर विवाद समूचे प्रदेश में सुर्खियों का कारण बना था। रमेश धवाला ने जिला कांगड़ा के विधायकों की मुख्यमंत्री के साथ शिमला में एक महत्वपूर्ण बैठक में राणा पर उनकी विधानसभा में दखल का यह कहकर आरोप लगाया था कि संगठन मंत्री अपने चहेतों को बिना उनकी राय लिए मनमाने ढंग से जिला संगठन व मंडल स्तर पर नियुक्तियां दे रहे हैं। धवाला द्वारा खुलेआम विरोध के बाद उनके समर्थकों ने पार्टी प्लेटफार्म से बाहर जाते हुए संगठन मंत्री पर मीडिया के जरिये आरोप लगाए थे। पूरे प्रदेश में किरकिरी के बाद जिला देहरा भाजपा ने मंडल को निष्काषित करने का प्रस्ताव प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप को भेजा। जिसके तुरंत बाद पूरा ज्वालामुखी मंडल भंग कर दिया गया था। हालांकि धवाला ने एक बार पुनः मंडल का निष्‍कासन बहाल करवा लिया था। लेकिन धवाला व राणा गुटों की आपसी लड़ाई अभी भी थमी नहीं है। शहरी भाजपा अध्यक्ष पद पर मास्टर रामस्वरूप की नियुक्ति से फिर से दोनों पक्ष आर-पार की लड़ाई के मूड़ में हैं। जाहिर है इस विवाद के कारण विरोध की चिंगारी फिर से ज्वाला का कारण बनेगी।

क्या बोले जिला अध्यक्ष

जिला देहरा भाजपा अध्यक्ष संजीव शर्मा ने मंडल के फैसले को पार्टी के लिए घातक बताया है। उन्होंने कहा मास्टर रामस्वरूप की कई शिकायतें उनके पास हैं। शहरी भाजपा का कोई पद पार्टी संविधान में है ही नहीं। यह नियुक्ति पूरी तरह से असंवैधानिक है। जिला संगठन से मंडल ने इस बारे में कोई चर्चा नहीं की है।

यह बोले मंडल अध्यक्ष मान सिंह राणा

यह नियुक्ति विधायक के आदेशों से हुई है। यह पार्टी का अंदरूनी मामला है। जिसे सुलझा लिया जाएगा।


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