शिक्षकों को नियमितीकरण का तोहफा मिला पर कोरोना की मार से प्रभावित हुए वित्तीय लाभ, पढ़ें खबर
Financial Advantage Affected हजारों पीटीए पैट और पैरा शिक्षकों को नियमितीकरण के आदेश जारी कर दिए हैं। कोरोना की मार से इन शिक्षकों के वित्तीय लाभ प्रभावित किए हैं।
शिमला, अनिल ठाकुर। हिमाचल के सरकारी स्कूलों में वर्षों से सेवाएं दे रहे हजारों पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों को नियमितीकरण के आदेश जारी कर दिए हैं। कोरोना की मार से इन शिक्षकों के वित्तीय लाभ प्रभावित किए हैं। शिक्षा विभाग की ओर से सरकार को भेजे प्रस्ताव में बैकडेट से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ देने की बात कही थी। कैबिनेट में भी इस पर चर्चा हुई थी। वित्त विभाग ने इस प्रस्ताव पर कोरोना काल में सरकार की खराब वित्तीय स्थिति का तर्क देते हुए आपत्ति जताई। इसके चलते शिक्षकों को भारी नुकसान हुआ है। आरएंडपी नियमों की शर्त भी कुछ शिक्षकों के नियमितिकरण में बाधा बनेगी। 2014 में सभी पैरा शिक्षक नियमित किया गया था। 97 शिक्षक स्टे लग जाने की वजह से नियमित नहीं हो पाए थे। इन्हें सरकार ने 2014 से वरिष्ठता का लाभ तो दे दिया लेकिन वित्तीय लाभ नहीं दिया गया।
पैट शिक्षकों को नियमितकरण के बाद वित्तीय नुकसान हुआ है। शिक्षकों को 25,263 का पे स्केल मिलेगा। मौजूदा समय में इन शिक्षकों को 27 हजार रुपये मिल रहे हैं यानि नियमित होने के बाद इनका वेतन कम करने के बजाए पे प्रोटेक्ट कर दी गई है। इससे न वेतन कम होगा न रिकवरी होगी। यानि भविष्य में जो इंक्रीमेंट लगेगी उससे इसे रिकवर किया जाएगा।
सभी शिक्षकों को बधाई : नरेश महाजन
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के राज्य प्रधान नरेश महाजन, महासचिव नरोत्तम वर्मा, वित्त सचिव परस राम, वरिष्ठ उप प्रधान अरुण पठानिया व सुरेश नरयाल महिला विंग अध्यक्षा निशा मिश्रा, उपप्रधान सतीश पुंडीर, अजय शर्मा सहित समस्त कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने पैट, पीटीए और पैरा शिक्षकों को नियमितीकरण की बधाई दी है। संघ ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का आभार व्यक्त किया है। संघ ने कहा कि काफी लंबे संघर्ष के बाद ये नियमित हुए हैं।
बैकडेट से वित्तीय लाभ न मिलने से पैट शिक्षक निराश
अखिल भारतीय अस्थाई अध्यापक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील चौहान, प्रेस सचिव चंदन नेगी, सतीश शर्मा, तिलक राज, तारा चंद, रविंद्र ठाकुर, सरला, अरुण ने प्राथमिक सहायक अध्यापकों को मांग के अनुरूप नियमित न करने पर निराशा जताई है। संघ ने कहा कि जब ग्रामीण विद्या उपासक और पैट की समान पॉलिसी है तो नियमितिकरण में विसंगति करना सौतेला व्यवहार है। उन्होंने एक समान पॉलिसी के तहत नियमित कर बैक डेट से वित्तीय लाभ देने की मांग उठाई है। पैट शिक्षकों ने नाराजगी जाहिर करते हुए सरकार से मांग की है कि इस अपमानजनक आदेश को तुरंत निरस्त करके शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के अनुसार बैकडेट से नियमित कर वित्तीय लाभ देने की मांग उठाई है।