27 वर्ष बाद बिलासपुर की बंदला पैराग्लाइडिंग साइट को मिली हरी झंडी, सैलानी भी भर सकेंगे उड़ान
Bandla Paragliding Site सैलानियों को अब गेटवे आफ हिमाचल बिलासपुर जिला में पैराग्लाइडिंग का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा। जिला की सबसे ऊंची बंदला धार से मनोरम दृष्यों के बीच लुहणू मैदान तक पैराग्लाइडिंग का सफर अब सभी के लिए खोल दिया गया है।
बिलासपुर, जागरण संवाददाता। Bandla Paragliding Site, सैलानियों को अब गेटवे आफ हिमाचल बिलासपुर जिला में पैराग्लाइडिंग का लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा। जिला की सबसे ऊंची बंदला धार से मनोरम दृष्यों के बीच लुहणू मैदान तक पैराग्लाइडिंग का सफर अब सभी के लिए खोल दिया गया है। 27 साल से इस पल का इंतजार क्षेत्र के लोग तो कर ही रहे थे, लेकिन इससे अब सैलानियों की हसरतें भी पूरी होती नजर आ रही हैं।
पर्यटन विभाग से मिली मंजूरी
हिमाचल प्रदेश पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग ने बंदला में स्थित पैराग्लाइडिंग साइट को हिमाचल प्रदेश एक्रो टेक्नीकल कमेटी की सिफारिश पर मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रदेश पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा बंदला पहाड़ी पर स्थित पांच बीघा 12 बिस्वा जमीन को टेक आफ साइट के लिए भी मंजूर कर दिया है। साथ ही लुहणू स्थित कहलूर स्टेडियम के पास टेंडम पैराग्लाइडिंग, एक्रो स्पोट्र्स गतिविधियों और लैंडिंग साइट के लिए भी स्थान चिन्हित किया है। मंजूरी मिलने के बाद अब यहां पर पैराग्लाइडिंग की व्यवसायिक गतिविधियां शुरू हो पाएंगी। विभाग ने यह मंजूरी एरो स्पोट्र्स रूल्ज-2004 के तहत प्रदान की है।
व्यावसायिक पैराग्लाइडिंग से पर्यटन को पंख
बताते चलें कि बंदला में पैराग्लाइडिंग साइट करीब 27 वर्ष पहले 1995 में देख ली गई थी। इसके बाद इसे कई चरण में विकसित भी किया गया, लेकिन इसकी अनुमति को लेकर कई बार अड़चनें पैदा हुईं। अब कुछ वर्ष से यह साइट विकसित हो चुकी थी और यहां पर पैराग्लाइडिंग के एसआइवी कोर्स करवाए जा रहे थे। अब यह पहला मौका होगा जब यहां पर व्यवसायिक स्तर पर भी पैराग्लाइडिंग हो सकेगी। इस साइट को विकसित करने के लिए सदर के विधायक सुभाष ठाकुर ने 15 लाख मंजूर किए हैं, जिसके तहत टेक आफ साइट पर डंगा लगाने का कार्य किया जाएगा। साइट को मंजूरी मिलने के बाद अब यहां पर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के पैराग्लाइडरों के पहुंचने की उम्मीद है। इससे जहां बिलासपुर में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार के साधन भी उपलब्ध होंगे।
साइट को पहले एक्रो टेक्नीकल कमेटी ने मंजूरी प्रदान की थी, लेकिन अब इसे हिमाचल प्रदेश पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग ने मंजूरी दी है। बिलासपुर में जल, थल व नभ की खेलों को आयोजित करने की पूरी क्षमता है। अब पैराग्लाइडिंग की मंजूरी मिलने के बाद यह सब मुमकिन हो सकेगा। यहां का मौसम और गोबिंदसागर झील का होना पैराग्लाइडरों की सुरक्षा के लिए कारगर सिद्ध जाना जा रहा है।
-सुभाष ठाकुर, विधायक सदर बिलासपुर।